जींद। कुछ पल पहले ही चाचा की शादी में खुशी से डीजे पर नाचने और गानों पर खूब मस्ती करने वाले 6 युवकों को कहीं भी यह अंदेशा नहीं था कि उनकी यह खुशी अंतिम होगी और परिजनों को हमेशा के लिए न भूलने वाला दर्द दे जाएगी।
इन 6 युवकों में से 3 की सड़क हादसे में मौत हो गई तथा 3 अन्य रोहतक के पीजीआई अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ये सभी करसौला गांव निवासी रणवीर के बेटे मोनू की शुक्रवार शाम फरमाणा गई बारात में शामिल होने के बाद देर रात वापस लौट रहे थे कि रास्ते में फरमाणा और देवरड़ के बीच इनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई।
इस घटना में दूल्हे के भतीजे देवेन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई तथा चचेरा भाई मनीष, ताऊ का बेटा दीपक, प्रदीप, अनिल तथा कथूरा गांव निवासी विशाल गंभीर रूप से घायल हो गए।
दूसरी गाड़ियों में सवार बारातियों में कार में फंसे घायलों को बाहर निकाल पीजीआई रोहतक पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने प्रदीप और मनीष को भी मृत घोषित कर दिया जबकि अनिल, विशाल तथा दीपक जिंदगी और मौत के बीच जूल रहे हैं। मारे गए तीनों युवक एक ही परिवार में आपस में चचेरे भाई थे। इनमें से 2 अपने परिवारों के इकलौते चिराग थे। इनमें से एक की शादी नहीं हुई थी, जबकि दूसरे की पत्नी की डिलीवरी होने वाली है।
ग्रामीणों को जब घटना के बारे में पता चला तो विवाह की खुशियां मातम में बदल गईं। शनिवार दोपहर बाद तीनों मृतकों का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शोकस्वरूप गांव में अंतिम संस्कार होने तक चूल्हा नहीं जला। देवेन्द्र परिवार का इकलौता चिराग था। उसकी पत्नी की डिलीवरी होने वाली है। मनीष 2 बहनों का अकेला भाई था। देवेन्द्र बीए प्रथम वर्ष का छात्र था। (वार्ता)