Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जया ने दोहराया अपने गुरु एमजीआर का सियासी कारनामा

हमें फॉलो करें जया ने दोहराया अपने गुरु एमजीआर का सियासी कारनामा
चेन्नई , गुरुवार, 19 मई 2016 (16:36 IST)
चेन्नई। तमिलनाडु की राजनीति में बीते 3 दशकों से यह लगभग स्थापित परिपाटी रही है कि हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन होता है, लेकिन इस बार जयललिता ने इस परिपाटी को तोड़ दिया और अपने राजनीतिक गुरु एमजी रामचंद्रन के बाद राज्य की सियासत में यह कारनामा करने वाली वे इकलौती नेता बन गईं।

 
पिछले कई वर्षों से तमिलनाडु में यह राजनीतिक परिपाटी रही है कि एक बार अन्नाद्रमुक और फिर दूसरी द्रमुक की सरकार बनती है। कई चुनावी पंडित इस बार भी ऐसा ही कयास लगा रहे थे, लेकिन कभी अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाली 68 साल की जयललिता ने अपनी सियासी महारत से इन कयासों को झूठा साबित कर दिया।
 
साल 2011 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 203 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इसमें अन्नाद्रमुक को 150, डीएमडीके को 29, माकपा को 10 और भाकपा को 9 सीटें मिली थीं। इस बार भी अन्नाद्रमुक ने कुछ इसी तरह की शानदार चुनावी कामयाबी हासिल की है।
 
इससे पहले एमजीआर ने 1984 के चुनाव में लगातार तीसरी जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी और 24 दिसंबर 1987 को हुई मृत्यु तक वे मुख्यमंत्री रहे।
 
एमजीआर के निधन के बाद उनकी वाजिब सियासी वारिस के तौर पर सामने आईं जयललिता को तमिलनाडु की राजनीति में पहली सफलता 1991 के विधानसभा चुनाव में मिली, जब उनके नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक-कांग्रेस गठबंधन को 294 में से 225 सीटें मिलीं, हालांकि अगले चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा।
 
इसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा कि एक बार अन्नाद्रमुक और अगली बार द्रमुक सरकार बनाएगी। इस बार जयललिता ने अपने गुरु एमजीआर के पदचिन्हों पर चलते हुए लगातार दूसरी बार कामयाबी हासिल की। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्रैश हुआ पेरिस से काहिरा जा रहा मिस्र का विमान