Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बढ़ सकती है भारत और चीन में तनातनी

हमें फॉलो करें बढ़ सकती है भारत और चीन में तनातनी

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर , गुरुवार, 24 अगस्त 2017 (18:34 IST)
श्रीनगर। आने वाले दिनों में चीन से सटी सीमा पर तनातनी के और बढ़ने की आशंका इसलिए जताई जाने लगी है क्योंकि भारत सरकार ने हालत को मद्देनजर रखते हुए चीन सीमा से सटे इलाकों और चीन सीमा तक पहुंचने की खातिर 805 किमी लंबे सड़कों के संजाल को तत्काल पूरा करने की रणनीति बनाई है।
 
हालांकि यह सड़कों का संजाल कश्मीर के लद्दाख सेक्टर के इंदिरा कोल पॉइंट से आरंभ होकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है पर सबसे अधिक तनातनी लद्दाख में ही पैदा होने की आशंका इसलिए है क्योंकि लद्दाख में चीन से सटी कुल 840 किमी लंबी सीमा में 525 किमी का इलाका एलएसी अर्थात लाइन आफ एक्चुयल कंट्रोल का है जिस पर दोनों मुल्क अपना-अपना दावा ठोंकते हैं।
 
सैन्य सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में सड़कों के इस संजाल को बिछाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। हालांकि वे कहते थे कि कुछ साल पहले भी सड़कों को बिछाने के कार्य को लेकर दमचोक के इलाके में भारतीय-चीनी सेना आमने-सामने आ गई थी और माहौल बहुत ही गर्मा गया था।
 
सूत्र कहते हैं कि पूर्व के हालात के मद्देनजर तथा सीमा की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उन इलाकों में एलएसी के पास सड़कों का निर्माण कोई खाला जी का घर नहीं होगा क्योंकि चीनी सेना आए दिन इन इलाकों से भारतीय जवानों को इलाका खाली करने के लिए धमकाती आ रही है।
 
एक अधिकारी के बकौल अगर चीन सीमा पर निगरानी तंत्र को मजबूत करना है तो सड़कों के जाल की तत्काल आवश्यकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ महीने पहले दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में जब कई दिनों तक चीनी सेना डटी रही थी तो उस समय सड़कों की कमी के कारण भारतीय सेना को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। ऐसा इसलिए महसूस किया गया था क्योंकि जिस इलाके में चीनी सेना ने कई दिनों तक कब्जा कर रखा था वहां तक पहुंचने में भारतीय जवानों को तीन दिन पैदल चलना पड़ता था और चीनी सेना मात्र आधे घंटे में ही सीमा को लांघकर भीतर घुस आई थी।
 
इतना जरूर था कि चीन सीमा पर सड़कों के संजाल को बिछाने का जो फैसला किया गया है, वह बहुत ही देरी से हुआ है। यही नहीं, चीन सीमा पर सिर्फ गर्मियों में ही काम होता है और अब काम करने के मात्र दो महीने ही बचे हैं। ऐसे में इतने कम समय में कितने किमी लंबी सड़कें चीन सीमा पर बन पाएंगी, कहना मुश्किल है। जबकि सबसे बड़ी चिंता चीनी सेना की धमकी है जो बार-बार सीमा के आसपास के इलाकों में कई-कई किमी तक अपना धावा ठोंकते हुए कोई भी निर्माण न करने को चेता चुकी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

निजता पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मंथन का दौर शुरू