पंचकूला। पंचकूला की एक अदालत ने 2017 में यहां हिंसा के एक मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत इन्सां को बुधवार को जमानत दे दी। पिछले शनिवार को यहां एक अन्य अदालत ने हिंसा के संबंध में उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप भी हटा दिए थे। हनीप्रीत को गुरमीत राम रहीम का 'राजदार' बताया जाता है।
गौरतलब है कि डेरा प्रमुख को बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराने के बाद हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
बचाव पक्ष के वकील आरएस चौहान ने बताया कि 1 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है। उन्होंने बताया कि अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत को बुधवार शाम को रिहा किया गया।
उन्होंने कहा कि आईपीएस की धारा 145 (विधि विरुद्ध जनसमूह में शामिल होना या बने रहना), 146 (बलवा), 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए दंड) के जमानती धाराएं होने के चलते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पंचकूला रोहित वत्स की अदालत ने उसे उसकी याचिका पर जमानत दे दी।
उन्होंने बताया कि शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय संधीर द्वारा उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप हटाने के बाद हनीप्रीत ने जमानत याचिका दायर की थी।
उन्होंने बताया कि इसके बाद सत्र अदालत ने पंचकूला में सीजेएम अदालत के पास मामले को वापस भेजा था, जहां बुधवार को उस पर सुनवाई हुई।
पंचकूला पुलिस ने हिंसा मामले के संबंध में राजद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों पर हनीप्रीत और अन्य डेरा समर्थकों पर मामला दर्ज किया था।