चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने पूछा है कि दिल्ली और बेंगलुरु की तरह ही चेन्नई की सड़कों पर भी दोपहिया वाहन चालक और पिछली सीट पर बैठने वाले के लिए हेलमेट की अनिवार्यता का नियम क्यों नहीं लागू किया जा गया है?
न्यायमूर्ति एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद ने संज्ञान लेते हुए कहा कि हमने पिछली सीट पर बैठे एक भी व्यक्ति को हेलमेट पहने हुए नहीं देखा।
केके राजेंद्रन द्वारा दायर एक याचिका पर पीठ गुरुवार को सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में दोपहिया वाहन चालक और पिछली सीट पर बैठने वाले यात्री- दोनों ही के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने की मांग की गई थी।
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों को कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाना चाहिए और वाहन कुर्क करना चाहिए। (भाषा)