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Haryana Politics : हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका, MLA किरण चौधरी ने दिया इस्तीफा, BJP में होंगी शामिल

पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं किरण चौधरी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

चंडीगढ़ , बुधवार, 19 जून 2024 (00:23 IST)
बेटी श्रुति ने भी छोड़ा कांग्रेस का साथ
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगाए आरोप 
श्रुति भाजपा से हो सकती है राज्यसभा उम्मीदवार
 
  
Haryana News : हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने पार्टी छोड़ दी और बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होंगी। किरण चौधरी और श्रुति चौधरी, दोनों ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे अपने अलग-अलग त्यागपत्र में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी की प्रदेश इकाई को ‘निजी जागीर’ के रूप में चलाया जा रहा है। श्रुति चौधरी कांग्रेस की हरियाणा इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष थीं। हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भिवानी जिले के तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कहा कि वह और श्रुति बुधवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होंगी। उनके भाजपा में शामिल होने से हरियाणा में पार्टी को और मजबूती मिलने की संभावना है, जहां चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का चिर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।
 
किरण (69) ने कांग्रेस अध्यक्ष को अपने पत्र में लिखा कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई को ‘निजी जागीर’ के रूप में चलाया जा रहा है, जबकि श्रुति चौधरी ने हुड्डा का स्पष्ट संदर्भ देते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश इकाई एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसने अपने ‘स्वार्थ’ और ‘तुच्छ हितों’ के लिए पार्टी के हितों से समझौता कर लिया।
 
क्या लिखा त्यागपत्र में : किरण चौधरी ने खरगे को त्यागपत्र में लिखा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को निजी जागीर के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाज के लिए कोई स्थान नहीं छोड़ा जा रहा है, जिन्हें अत्यंत सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से दबाया, अपमानित किया गया और मेरे विरुद्ध षड्यंत्र किया जा रहा है।’’
 
किरण ने लिखा है कि इस प्रकार, हमारे लोगों का प्रतिनिधित्व करने और उन मूल्यों को बनाए रखने के मेरे परिश्रमी प्रयासों में महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न हो रही है, जिनके लिए मैं हमेशा खड़ी रही हूं।
श्रुति ने अपने पत्र में कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति के इर्द गिर्द केंद्रित हो गई है, जिसने अपने स्वार्थ और तुच्छ हितों के लिए पार्टी के हितों से समझौता कर लिया। इसलिए, मेरे लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है, ताकि मैं अपने लोगों के हितों और उन मूल्यों को कायम रख सकूं, जिनके लिए मैं खड़ी रही हूं।
 
बताया जाता है कि किरण चौधरी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से श्रुति चौधरी को टिकट नहीं दिए जाने के साथ-साथ राज्य में पार्टी द्वारा टिकट बंटवारे को लेकर नाराज थीं।
 
कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने भी 12 जून को हुड्डा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा था कि यदि आलाकमान को उचित ‘फीडबैक’ दिया गया होता और ‘‘स्वार्थ की राजनीति’’ नहीं की गई होती, तो पार्टी हरियाणा से सभी लोकसभा सीटें जीत सकती थी।
 
कांग्रेस ने हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से नौ पर चुनाव लड़ा था, जबकि कुरुक्षेत्र सीट पर ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने पांच-पांच सीटें जीती थीं।
 
सांसद रह चुकी हैं श्रुति : कांग्रेस ने भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से मौजूदा विधायक और हुड्डा के वफादार राव दान सिंह को टिकट दिया था, जो भाजपा के मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह से हार गए। इस सीट से श्रुति पूर्व में सांसद रह चुकी हैं।
 
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि श्रुति भाजपा की ओर से राज्यसभा सीट के लिए संभावित उम्मीदवारों में शामिल हो सकती हैं। यह सीट रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा की जीत के बाद खाली होने जा रही है। हालांकि, किरण ने कहा कि वह और उनकी बेटी, दोनों बिना शर्त भाजपा में शामिल होंगी।
हुड्डा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए किरण चौधरी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे हाशिये पर धकेल दिया। अपमान की एक सीमा होती है।’’ खरगे को भेजे अपने त्यागपत्र में किरण चौधरी ने लिखा, ‘‘मैं पिछले चार दशकों से कांग्रेस की एक निष्ठावान सदस्य रही हूं और इन वर्षों में मैंने अपना जीवन पार्टी और उन लोगों के लिए समर्पित कर दिया, जिनका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं।’’ किरण चौधरी हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान भी मंत्री रहीं।
 
उन्होंने कहा कि ‘हरियाणा में मैं आधुनिक हरियाणा के निर्माता दिवंगत चौधरी बंसीलाल और अपने दिवंगत पति चौधरी सुरेन्द्र सिंह की समृद्ध विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती हूं।’’ किरण चौधरी ने कहा कि उनका उद्देश्य और लक्ष्य शुरू से ही अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना रहा है।
 
किरण चौधरी ने खरगे को भेजे अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘अपने लोगों और कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मैं एक नई शुरुआत करने को बाध्य हूं।’’
 
दोनों ने जनता की सेवा करने का मौका देने के लिए खरगे, कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी को धन्यवाद दिया। भूपेंद्र हुड्डा पर सीधा हमला करते हुए किरण चौधरी ने कहा कि उनके लिए केवल उनका बेटा (दीपेंद्र हुड्डा) ही मायने रखता है। अपने स्वार्थ के लिए वह सभी नेतृत्व को खत्म करना चाहते हैं और उन्होंने कई लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की संभावनाओं को भी बर्बाद कर दिया। राव दान सिंह, जिनके बारे में उन्होंने गारंटी दी थी कि वह जीतेंगे, लोकसभा चुनावों में अपने ही विधानसभा क्षेत्र से हार गए।’’
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और कुछ अन्य सीटों के लिए भी यही गारंटी दी गई थी। किरण चौधरी ने कहा, ‘‘वह (हुड्डा) चाहते हैं कि उनके बेटे को ही सबकुछ मिले और वह दूसरों को खत्म करना चाहते हैं। यह कैसे चलेगा?...’’ इनपुट भाषा

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