विधानसभा चुनाव से पहले हरक सिंह रावत के बयान से उत्तराखंड की सियासत में मची खलबली, BJP आलाकमान ने किया तलब

निष्ठा पांडे
गुरुवार, 16 सितम्बर 2021 (19:35 IST)
देहरादून। उत्तराखंड सरकार में मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर की गई टिप्पणी का मामला दिल्ली में भाजपा के आलाकमान तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद बुधवार दोपहर में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को प्रदेश संगठन ने प्रदेश मुख्यालय में तलब किया।

हरक सिंह रावत एक अन्य कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के साथ उन्हीं की कार में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय के साथ दोनों मंत्रियों की लंबी बैठक चली। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने इस दौरान कहा कि हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर टिप्पणी मामले में केंद्रीय नेतृत्व सख्त नाराज है।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर की गई टिप्पणी को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कैबिनेट मंत्री हरक को पार्टी मुख्यालय में बुलाकर केंद्रीय नेतृत्व के सख्त रुख से अवगत करा दिया।

केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। पार्टी कार्यकर्ता और नेता एक-दूसरे के खिलाफ विवादित बयानों से बचें और खुद पर नियंत्रण रखें। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा में वरिष्ठ नेताओं के आपसी मतभेद सतह पर नजर आने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे सार्वजनिक बयानबाजी से बाज आएं।

हालांकि इस चेतावनी का असर नजर नहीं आया। कुछ ही घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक पर तीखा जवाबी हमला बोल दिया। डॉ. हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर एक तल्ख टिप्पणी कर दी थी।

हरक ने त्रिवेंद्र के साथ रिश्तों से संबंधित सवाल के जवाब में कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय त्रिवेंद्र को ढैंचा बीज घोटाला मामले में जेल जाने से उन्होंने बचाया। हरक के इस बयान से सूबे की सियासत गर्मा गई। भाजपा में भी इसकी बड़ी प्रतिक्रिया नजर आई। कुछ भाजपा विधायकों के कार्यकर्ताओं के साथ सार्वजनिक मंचों पर हुए विवाद से किरकिरी झेल रही पार्टी अपने 2 दिग्गज नेताओं के इस नए प्रकरण से खासी असहज स्थिति में पहुंच गई।

हालांकि त्रिवेंद्र ने संयमित प्रतिक्रिया दी कि हरक तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसी स्थिति से पार्टी को नुकसान होने के डर से अब भाजपा नेता इस मामले में नेताओं को काबू में करने को सक्रिय हो गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

चित्तौड़गढ़ के एक गांव में पाषाण युग की शैल चित्रकारी मिली

संभल में दुष्कर्म पीड़िता की हत्या, 20 दिन पहले जेल से रिहा आरोपी ने मारी गोली

प्रियंका पर रीजीजू का पलटवार, संसदीय परंपराओं की याद दिलाई

अगला लेख
More