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कर्नाटक में थम नहीं रहा हनुमान ध्वजा का विवाद, आमने-सामने राजनीतिक पार्टियां

हमें फॉलो करें कर्नाटक में थम नहीं रहा हनुमान ध्वजा का विवाद, आमने-सामने राजनीतिक पार्टियां

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मांड्या (कर्नाटक) , सोमवार, 29 जनवरी 2024 (19:14 IST)
Hanuman flag controversy is not stopping in Karnataka: केरागोडु में अधिकारियों द्वारा 108 फुट ऊंचे ध्वज स्तंभ पर फहराए गए भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की छवि वाले भगवा झंडे (saffron flag) को हटाने को लेकर हुआ विवाद सोमवार को गहरा गया। ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जारी रखा और ध्वज को एक बार फिर फहराने की मांग की।
 
केरागोडु गांव में हनुमान ध्वज को हटाए जाने के बाद जोरदार विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद स्थिति तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है। इस घटना के बाद राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है और विपक्षी भाजपा-जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस सरकार के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
 
पुलिस ने लाठीचार्ज किया : पुलिस ने रविवार को भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया। पुलिस एवं प्रशासन ने हनुमान ध्वज उतारकर उसकी जगह तिरंगा फहरा दिया। प्रदर्शनकारियों ने आज सुबह 'जय श्रीराम' के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या जिला मुख्यालय में भगवा झंडे लेकर उपायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला। उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मार्च में भाग लेने वालों में भाजपा नेता सी टी रवि और प्रीतम गौड़ा भी शामिल थे।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जैसे ही मार्च मांड्या शहर पहुंचा, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया, क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य कांग्रेस नेताओं की तस्वीर वाले एक पोस्टर को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
 
एहतियात के तौर पर पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है, क्योंकि केरागोडु और आसपास के गांवों के लोग, भाजपा, जद(एस) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने झंडे को हटाने का विरोध जारी रखा और मांग की कि इसे एक बार फिर फहराया जाए।
 
सिद्धारमैया ने भड़काने का आरोप लगाया :  मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को विपक्षी भाजपा और जद(एस) पर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झंडा हटाने के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा, क्योंकि अनुमति केवल राष्ट्रीय और कन्नड़ ध्वज फहराने के लिए ली गई थी।
 
मुख्यमंत्री ने उन्हें हिन्दू विरोधी कहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी पलटवार किया और कहा कि वह एक ऐसे हिन्दू हैं, जो सभी धर्मों के लोगों से प्यार करते हैं। विपक्ष के नेता आर अशोक (भाजपा) और राज्य जद(एस) प्रमुख एचडी कुमारस्वामी के विरोध में शामिल होने पर सिद्धारमैया ने कहा कि वे लोगों को भड़काने में लगे हुए हैं।
 
विरोध प्रदर्शन में केरागोडु और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। सबसे आगे रहने वाले नेताओं ने कहा कि जब तक भगवा झंडा दोबारा नहीं फहराया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगों ने 'जय श्रीराम' के नारे के साथ जिला प्रशासन और कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए गए।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केरागोडु में पुलिस ने ध्वज स्तंभ के चारों ओर अवरोधक लगाए हैं और जगह को सुरक्षित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अप्रिय घटना न हो, इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस बीच भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार की हिन्दू विरोधी नीति की निंदा करते हुए और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया।
 
बेंगलुरु में भाजपा ने जयनगर विधायक सीके राममूर्ति और अन्य नेताओं के नेतृत्व में मैसूरु बैंक सर्कल में विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें हिरासत में लिया गया और पुलिस अपने साथ ले गई। पुलिस ने कहा कि स्थल पर विरोध प्रदर्शन करने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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