कानपुर। 15 अगस्त व 26 जनवरी को हर भारतीय के अंदर देश भक्ति की भावना देखने को मिलती है और पूरा देश भारत की फौज पर गर्व करता है। लेकिन दूसरी ओर इन्हीं जवानों के शहीद होने पर सरकार उस दौरान वादा तो खूब करती है पर अमल कुछ नहीं करती। यह दर्द और किसी का नहीं कुपवाड़ा में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव के पिता का है।
बताते चलें कि कुछ माह पहले जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान कानपुर के कैप्टन आयुष यादव आतंकियों की गोली का निशाना बन गए थे और उन्होंने देश की शान की हिफाज़त करते हुए अपने प्राण गवां दिए थे। उनकी शहादत को देश तो नहीं भूलेगा लेकिन भारत सरकार और प्रदेश सरकार आयुष के माता पिता से किये हुए वादों को भूल गई है।
शहीद के पिता अरुण कांत यादव ने सोमवार को बताया कि उनके बेटे आयुष यादव ने देश की शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जिसके बाद केंद्र व राज्य सरकार ने उन्हे सहायता के लिए कई सारे आश्वासन दिए। लेकिन आज तक किसी भी आश्वासन को सरकार पूरा नहीं कर पाई।
अरुण कान्त ने कहा कि भले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी उनके क्षेत्र के हों लेकिन वो भी एक बार हमसे मिलने तक नहीं आए। आरोप लगाया कि जब सरकारें शहीदों के प्रति ऐसी संवेदनहीनता करेगी तो जवानों का भी मनोबल गिरना स्वाभाविक है।