रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का कहना है कि राज्य सरकार कौशल विकास के माध्यम से इस वर्ष एक लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी। राज्य के अति पिछड़े छ: जिलों पर विशेष फोकस होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र की स्थापना जल्द कर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करें।
दास ने कहा कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लेसमेंट की गांरटी सुनिश्चित करें ताकि बच्चों का रुझान बढ़े। उन्होंने कहा कि निजी आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भी सरकार फीस में सब्सिडी देगी।
मुख्यमंत्री ने झारखंड मंत्रालय में झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की तृतीय बैठक में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन है। सरकार इन पर निवेश कर रही है। इन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने पर इनकी जीवनशैली में गुणात्मक बदलाव आ सकेगा। इससे आने वाला कल का झारखंड समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के अति पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले जाएंगे। वहां आवासीय सुविधा भी रहेगी। एक बैच में 100 लड़के व 100 लड़कियां, कुल 200 विद्यार्थी होंगे। एक वर्ष में 1000 बच्चों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा।
राज्यभर में बने ऐसे सरकारी भवन जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, उसमें कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। दास ने कहा कि राज्य सरकार को नर्सों की काफी जरूरत है। नर्सिंग को बढ़ावा दें। एएनएम को स्वास्थ्य से जुड़ा प्रशिक्षण दें। इसके साथ ही एंबुलेंस के ड्राइवर को भी तत्काल मदद करने से संबंधी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। (भाषा)