बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली की संलिप्तता वाले 'सेक्स वीडियो' की पीड़िता के परिवार द्वारा कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष को इस स्कैंडल के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के एक दिन बाद रविवार को डीके शिवकुमार ने कहा कि इस मामले को बंद करने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कानून अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा, कानून अपना काम करेगा। (मामले को बंद करने के) सारे प्रयास किए जा रहे हैं, वे लोगों को सामने लाकर बयान दिलवा रहे हैं। उन्होंने कहा, सरकार जो भी चाहे, कर ले, लेकिन मैं पुलिस को बस इतना कहना चाहता हूं कि उसे अपने आत्मसम्मान की रक्षा करनी चाहिए (जांच निष्पक्ष ढंग से करनी चाहिए)।
शिवकुमार ने आरोप लगाया कि इस मामले को बंद करने की कोशिश चल रही है, उसे करने दीजिए।इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पीड़िता के माता-पिता द्वारा दिए गए बयान के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्होंने उनके विरूद्ध शिकायत की, जिसके बाद उसने (पीड़िता ने) भी मीडिया को बयान दिया।
उन्होंने कहा, जांच होने दी जाए। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह चाहते हैं कि शनिवार के घटनाक्रम के बाद पीड़िता सामने आकर एसआईटी के सामने बयान दर्ज करवाए, तब उन्होंने बस इतना कहा कि वह फिलहाल इस विषय पर कुछ कहना नहीं चाहते, वह राज्य में आगामी उपचुनाव पर ध्यान लगाना चाहते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की संभावना से भी इनकार किया।
इस स्कैंडल ने शनिवार को तब एक नया मोड़ लिया, जब पीड़िता के माता-पिता ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार पर उनकी बेटी का इस्तेमाल करते हुए गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया। इस महिला के माता-पिता और भाई ने एसआईटी के समक्ष पेश होने के बाद कहा था कि यदि उनके परिवार के साथ कुछ होता है, तो उसके लिए शिवकुमार जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कांग्रेस नेता से उनकी बेटी को उनके पास वापस भेजने की अपील की थी जो उनके अनुसार किसी अज्ञात स्थान पर है। पीड़िता के परिवार के इस बयान के बाद जरकीहोली ने यह कहते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की निंदा की थी, ऐसा कोई नेता नहीं है जो शिवकुमार से घटिया है।उन्होंने शिवकुमार के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने की घोषणा की है।
रविवार को जब शिवकुमार बेलगाम लोकसभा उपचुनाव के सिलसिले में जरकीहोली के गृह जिले बेलगावी पहुंचे तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया जबकि पूर्व मंत्री और गोकाक के भाजपा विधायक के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाया और वापस जाओ के नारे लगाए।
इस बीच पीड़िता के वकील जगदीश ने बताया कि वह बयान दर्ज कराने के लिए सोमवार को अदालत में पेश हो सकती हैं। शनिवार के घटनाक्रम के बाद महिला ने एक वीडियो बयान जारी करके दावा किया था कि उसके माता-पिता किसी के दबाव में आकर बोल रहे हैं तथा यह सब देखने के बाद वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए एसआईटी के समक्ष उपस्थित होने से डर रही है।
महिला ने अपने साथ हुए अन्याय के बारे में एक न्यायाधीश के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने में मदद की गुहार भी लगाई। गृहमंत्री बसावराज बोम्मई ने कहा कि एसआईटी वीडियो, ऑडियो और सीडी की वैज्ञानिक तरीके से जांच करके सच्चाई सामने लाएगी। महिला द्वारा मदद की गुहार लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि सुरक्षा का आश्वासन देते हुए उन्हें पांच नोटिस दिए गए और अनुरोध करने पर उनके माता-पिता को सुरक्षा दी गई है।(भाषा)