उत्तर प्रदेश के बनारस के घाट आज की शाम इतनी मनमोहक और खूबसूरत नजर आ रही थी जिसे भुला पाना अब इतना आसान ना हो पाएगा। मौका था देव दीपावली का।
बनारस का ऐसा कोई भी घाट नहीं था जहां पर देव दीपावली के उपलक्ष में मिट्टी के दीपों से घाटों को सजाया गया था और शाम ढलते ही हर एक दीप जल उठा और उसकी रोशनी से मनमोहक दृश्य बनारस के घाटों पर देखने को मिल रहा था। इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए जहां विदेशी सैलानी भी आए हुए थे तो वही हिंदुस्तान के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु भी इस दृश्य का आनंद ले रहे थे।
बताते चलें कि बनारस के दशाश्वमेध घाट की ओर दोपहर बाद तीन बजे से ही आस्था का उफान ऐसा उमड़ा कि दिन ढलने तक हर-हर महादेव और हर-हर गंगे का उदघोष कर भीड़ का बहाव गंगा तट की ओर बढ़ चला।
देखते ही देखते घाट पर पांव रखने की भी जगह मिलनी मुश्किल हुई तो लोगों ने दूसरे घाटों का रुख कर देव दीपावली के पर्व को विस्तार दिया।
गंगा तट स्थित घाटों की श्रृंखला के क्रम में हर घाट पर अनोखे तरीके से हुई सजावट ने जहां लोगों का मन मोह लिया वहीं पंचगंगा घाट पर प्रकाशित होने वाला दीपों का मंच भी अनोखे जल प्रकाश पर्व पर आभा बिखेरता नजर आया।
दूसरी ओर काशी विश्वनाथ दरबार से लेकर सारनाथ स्थित सारंगनाथ मंदिर तक शाम होते ही दीयों से सजने लगा ताकि काशी के इस प्रकाश पर्व पर भगवान शिव को भी प्रकाश अर्पण कर पुण्य के भागी बन सकें।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का था इंतजाम- बनारस के घाटों पर देव दीपावली के उपलक्ष्य में पुलिस प्रशासन के द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम कराया गया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देव दीपावली में सम्मिलित होने के लिए आए दूर दराज से लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए जगह-जगह पर सहायता केंद्र तक बनाए गए थे।