Madhya Pradesh Politics : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणा मशीन करार देते हुए कहा कि चौहान अपने साथ नारियल लेकर चलते हैं और जहां मर्जी होती है कोई घोषणा करते हुए उसे तोड़ देते हैं।
बालाघाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साल के अंत में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए किसानों से धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त करने के लिए पांच महीने इंतजार करने के लिए कहा।
कर्नाटक में अपनी निर्णायक जीत से उत्साहित कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। कर्नाटक में कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135 सीटें जीतीं हैं।
कमलनाथ ने कहा, अपने 18 साल के शासन के बाद शिवराज सिंह चौहान योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं और विभिन्न वर्गों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव सिर्फ पांच महीने दूर हैं, यह देखते हुए वह अपनी जेब में नारियल लेकर जाते हैं और जहां इच्छा होती है (शिलान्यास करने के लिए) उसे तोड़ देते है।
घोषणा मशीन में बदल गए हैं, चौहान। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि चौहान सभी मुद्दों पर विफल रहे हैं। इसमें कोविड-19 महामारी से निपटना भी शामिल है। उन्होंने कहा, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार ने मध्य प्रदेश को जकड़ रखा है। प्रदेश में माफिया राज और बलात्कार बढ़े हैं। प्रदेश के लगभग सभी घरों में शराब प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश नहीं आ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, निवेश विश्वास से आता है। मध्य प्रदेश के बजाय महाराष्ट्र में निवेश क्यों जा रहा है। कमलनाथ ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर उनके 15 महीने के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने बालाघाट में हजारों किसानों का कर्जा माफ किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मध्य प्रदेश में कृषि क्षेत्र में एक क्रांति लाई।
उन्होंने महाराष्ट्र की सीमा से लगे बालाघाट में कहा, हमारे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में धान की कीमत क्या है। यहां धान की कीमत क्या है? चिंता मत करो, पांच महीने बाद कांग्रेस की सरकार (मप्र की सत्ता में) आ रही है। आपको धान के लिए एमएसपी मिलेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस 2018 में जीतकर मध्य प्रदेश की सत्ता में आई थी, लेकिन उनकी सरकार को सौदेबाजी के कारण गिरा दिया गया।
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु की स्थिति बनी थी और 230 सीटों में से 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कई विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार फिर से बनी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)