श्रीनगर। यह पूरी तरह से सच है कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी और 12वीं कक्षा में टॉप करने वाली शाहिरा का स्कूल एक ही है। बस अंतर इतना है कि शाहिरा ने 12वीं कक्षा में टॉप करने के बाद डॉक्टर बनने का इरादा किया है तो बुरहान वानी आतंकी कमांडर बन सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।
कश्मीर घाटी की एक बेटी ने अपनी तालीम की ताकत के बल पर दुनिया को ये साबित किया है कि बेटियां किसी भी मामले में लड़कों से पीछे नहीं हैं। कश्मीर के त्राल की एक छात्रा शाहिरा ने अपनी पढ़ाई की मेहनत, ताकत और बेशुमार हिम्मत के बल पर घाटी के मुश्किल हालातों में भी बोर्ड परीक्षा में सबसे ज्यादा नंबर हासिल किए हैं।
अपनी सफलता के बाद शाहिरा ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा की वह अब डॉक्टर बनना चाहती है। ताकि अपने मां-बाप और अपने स्कूल का नाम रोशन कर सकूं। भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के स्कूल की शाहिरा ने 12वीं बोर्ड में टाप किया है। शाहिरा को 500 में से 498 अंक मिले हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में चार महीने तक फैली अशांति के बाद शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे। शाहिरा उसी स्कूल में पढ़ती थीं, जिसमें बुरहान वानी पढ़ता था।
पत्रकारों के साथ बात करते हुए उसने कहा कि मैं इस मौके पर काफी खुश हूं और मैं सभी टीचर्स का शुक्रिया अदा करती हूं। मैं आगे नीट एग्जाम देना चाहती हूं। शाहिरा के पिता को अपने बेटी पर गर्व है। उनका कहना है की मैं उसे पढ़ाई करते रहने की सलाह देता रहता था। मैंने उससे कहा था नियमित और समयनिष्ठ रहो। मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी बेहतर करेंगी।
बता दें, पिछले साल घाटी में फैली अशांति के दौरान करीब 32 स्कूलों को जला दिया गया था। घाटी में चार महीने तक हुए प्रदर्शनों की वजह से स्कूलों और कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था। छात्रों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने 10वीं और 12वीं कक्षा के एग्जाम केवल 50 फीसदी सिलेबस के साथ ही करवाए जाने का फैसला किया था। इसके साथ ही छात्रों को पूरे सिलेबस के साथ मार्च 2017 में एग्जाम में शामिल होने का ऑप्शन भी दिया है। हालांकि, ज्यादातर छात्रों ने आधे सिलेबस के साथ ही एग्जाम में शामिल होने का फैसला किया।
कुछ ऐसे मामले भी सामने आए थे, जिनमें एग्जाम देने जा रहे छात्र पत्थरबाजी का शिकार हो गए थे। इसमें कश्मीर को शोपियां जिले के पाहनू क्षेत्र में छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच हुई पत्थरबाजी में चार छात्र घायल हो गए थे। यह पत्थरबाजी परीक्षा हाल के बाहर ही हुई थी। याद रहे बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पूरी घाटी में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शन में करीब 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई दर्जन घायल हो गए थे और कश्मीर को 16 हजार करोड़ का नुकसान भी उठाना पड़ा है।