जोधपुर। जोधपुर की एक अदालत ने 2011 के भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले के तीन मुख्य आरोपियों को तीन दिन की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है।
निचली अदालत ने तीन आरोपियों मलखान सिंह विश्नोई, पारसराम विश्नोई और उनकी बहन इंदिरा विश्नोई को जिले के तिलवासनी गांव में एक परिजन की मौत से जुड़े संस्कार में शामिल होने के लिए तीन दिन की जमानत दी है। यह अवधि आज से प्रारंभ हो गई और तीनों को 28 मई की शाम तक अधिकारियों के सामने पेश होना होगा। सरकारी वकील ने कहा, इस दौरान वह पुलिस की निगरानी में रहेंगे।
भंवरी देवी हत्या मामले में राजस्थान के मंत्री महीपाल मदेरणा का नाम सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। भंवरी देवी यहां से 120 किलोमीटर दूर जलीवाडा गांव में मिडवाइफ थी और एक सितंबर 2011 को अचानक लापता हो गई थी।
उसके लापता होने से पहले कुछ चैनलों ने एक सीडी दिखाई थी, जिसमें मंत्री भंवरी के साथ आपत्तिजनक हालत में थे। बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में कहा कि भंवरी देवी को जोधपुर के बिलारा क्षेत्र से कथित तौर से अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में सीबीआई ने मंत्री मदेरणा को दो दिसंबर 2011 को गिरफ्तार किया था। उसके साथ पारसराम विश्नोई को भी पकड़ा गया था। पारसराम मलखान सिंह का भाई है। राजस्थान पुलिस ने इंदिरा विश्नोई को पिछले साल मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था। (भाषा)