ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिला स्थित एक विशेष अदालत पालघर में 2 साधुओं और उनके चालक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में 101 आरोपियों की जमानत याचिका पर 3 नवंबर को सुनवाई करेगी। विशेष अदालत के न्यायाधीश पीपी जाधव ने गुरुवार को जांच अधिकारियों के उपस्थित न होने की वजह से सुनवाई टाल दी।
विशेष लोक अभियोजक सतीश मानशिन्दे ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया और अदालत को घटना में प्रत्येक आरोपी की भूमिका का विवरण तथा उनका कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) सौंपा।
आरोपियों की ओर से पेश वकील अमृत अधिकारी ने दलील दी कि प्राथमिकी में संबंधित लोगों के नाम हमलावर के रूप में दर्ज नहीं हैं और इसलिए अपराध में उनकी संलिप्तता को लेकर संदेह प्रतीत होता है। घटना में मारे गए दो साधुओं के परिवारों की ओर से वकील प्रमोद ओजा पेश हुए।
उल्लेखनीय है कि पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को भीड़ ने दो साधुओं और उनके चालक की तब पीट-पीटकर हत्या कर दी थी जब वे कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एक अंतिम संस्कार में शामिल होने कार से गुजरात के सूरत जा रहे थे।
बर्बर भीड़ ने हमला इन अफवाहों के बीच किया कि लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र में बच्चा चोर घूम रहे हैं। मामले की जांच बाद में सीआईडी को सौंप दी गई थी। मृतकों में महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशील गिरि महाराज (35) और उनके चालक नीलेश तेलगडे (30) शामिल थे।
साधुओं की हत्या के मामले में 8 और लोग गिरफ्तार : पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में इस वर्ष अप्रैल में दो साधुओं समेत तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 8 और लोगों को गिरफ्तार किया।
मामले में अभी तक 186 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 11 नाबालिग हिरासत में लिए गए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को 24 लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस ने गुरुवार को आठ और लोगों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैले होने के बावजूद ये आरोपी घटनास्थल पर मौजूद थे और इन्होंने किसी को अपराध करने से रोका नहीं। अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुछ ने घटना का वीडियो बनाया और कुछ ने वहां हल्ला भी मचाया था। आरोपियों के हाथ में लाठियां थीं।(भाषा)