असम में होने वाले विधानसभा चुनावों पर सबकी नजर लगी है। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस इस पूर्वी राज्य में अपनी सरकार बनाने की जद्दोजहद में लगी हैं वहीं पिछले कुछ ही वर्षों में असम की राजनीति में अहम जगह बनाने वाले करोड़पति इत्र व्यापारी बदरुद्दीन अजमल किंगमेकर की भूमिका निभाना चाहते हैं।
पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के झंडे तले मैदान में उतरने वाले अजमल इस बात पर बिलकुल साफ हैं कि इस बार उनके समर्थन के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी।
कौन है बदरुद्दीन अजमल : अजमल एक सफल कारोबारी व राजनेता के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी उनकी अलग पहचान है। उत्तर प्रदेश के देवबंद से पढ़ाई पूरी करने वाले अजमल ने 2005 में अपनी पार्टी बनाई थी और उसके अगले साल ही हुए विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे थे। तब मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सवाल किया कि यह बदरुद्दीन अजमल कौन है, लेकिन असम की राजनीति में अजमल की हैसियत को ध्यान में रखते हुए अब वह यह सवाल करने का साहस नहीं कर सकते।
पहली बार मैदान में उतरी अजमल की पार्टी ने वर्ष 2006 में अल्पसंख्यकों के समर्थन से 10 सीटें जीतने के बाद वर्ष 2011 में 18 सीटें जीती थी। तब उसे दो बार सत्ता में रही असम गण परिषद से भी ज्यादा सीटें मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में राज्य की 14 में से तीन सीटें जीत कर एआईयूडीएफ ने राजनीतिक पंडितों को भी हैरत में डाल दिया था। उसके बाद राज्य की राजनीति में अजमल का कद तेजी से बढ़ा है।