मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख कोविड-19 और अपनी वृद्धावस्था का हवाला देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के सिलसिले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए और केंद्रीय एजेंसी को उपर्युक्त लगने वाले किसी भी दिन ऑनलाइन बातचीत करने के लिए आग्रह किया।
ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 71 वर्षीय नेता से मंगलवार को सुबह 11 बजे कार्यालय में पेश होने के लिए कहा था जब वह शनिवार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। देशमुख ने कई करोड़ के कथित रिश्वतखोरी सह वसूली
ने नोटिसों का अनुपालन करते हुए अपने वकील इंदरपाल सिंह को अधिकृत प्रतिनिधि बनाकर एजेंसी को एक पत्र सौंपा। पत्र में देशमुख ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईडी की प्राथमिकी) की एक प्रति और ईडी से अन्य दस्तावेजों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। उन्होंने पत्र में कहा कि मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। मैं खुद पर लगे आरोपों में झूठ, खोखलेपन और वास्तविकता की कमी को उजागर करने के लिए तत्पर हूं। देशमुख ने कोविड-19 स्थितियों और उम्र एवं उनकी अन्य बीमारियों के चलते संक्रमण की चपेट में आने की आशंका का भी हवाला दिया और अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर अपने वकील को भेजा।
उन्होंने पत्र में कहा कि मेरी उम्र 72 वर्ष के करीब है और मैं उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी और कई अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहा हूं। देशमुख ने यह भी कहा कि तलाशी और उनके बयान दर्ज किए जाने के दौरान 25 जून को जांच एजेंसियों के अधिकारियों के साथ उनकी पहले ही लंबी बातचीत हो चुकी है जो कई घंटों तक चली थी।
उन्होंने दोहराया कि ईसीआईआर के विषय एवं ब्योरों के बारे में पता चलने के बाद वह ईडी को जो भी सूचनाएं एवं दस्तावेज चाहिए होंगे, सब उपलब्ध कराएंगे। देशमुख ने पत्र में कहा कि मैं बातचीत के ऑडियो-विजुअल माध्यम से आपके सामने पेश हो जाउंगा, जो भी दिन और समय आपको उचित लगे, आज या किसी भी दूसरे दिन। इस बीच देशमुख के वकील ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वे जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे।(भाषा)