लखनऊ। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो वहीं उन्हीं के कर्मचारी व अधिकारी सरकार पर कालिख पोतने का काम कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश के बांदा में देखने को मिला जब बांदा के अतर्रा क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिवारजन शव को साइकल रिक्शे में शवगृह तक ले गए। और जब सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होने लगी तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामआसरे (44) का शव अतर्रा रेलवे स्टेशन के पास शनिवार को मिला था। पुलिस ने शिनाख्त के बाद शव को परिवारजन को सौंप दिया। पोस्टमार्टम के बाद परिवारजन ने शव को शवगृह तक ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की मांग की लेकिन नहीं मिली। और जब परिवारजन दौड़-भाग कर थक गए तो परिवारजन ने शव को साइकल रिक्शे में रखकर शवगृह तक पहुंचाया।
सबसे खास बात यह रही कि मौके पर मौजूद आला अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी, लेकिन जब इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो मानो आला अधिकारी नींद से जाग गए हों, ऐसा लग रहा था और अपने कर्मचारियों को लोगों से कैसे पेश आना है, इसका पाठ पढ़ाने में जुटे गए। इस मामले में अन्य अधिकारियों ने बात करने से इंकार कर दिया है, लेकिन बांदा के जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।