जम्मू। लॉकडाउन बढ़ने की सूरत में अमरनाथ यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण की तिथि 4 मई तक आगे बढ़ाई गई है। 1 अप्रैल से यात्रा पंजीकरण शुरू होना था लेकिन लाकडाउन के चलते पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया गया। कोरोना के कारण यात्रा की तैयारियों पर असर पड़ा है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 23 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है। फिल्हाल इसके लिए तैयारियां कहीं नहीं दिख रही हैं। कोरोना वायरस के कारण तैयारियों को बीच में ही रोकना पड़ा। इसमें प्रथम चरण में यात्रा पंजीकरण की प्रक्रिया को मुकम्मल बनाया जाता है, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई है।
यात्रा से पहले पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक से बर्फ हटाने का काम किया जाता है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इसमें दिक्कतें आ रही हैं। इस समय प्रशासन और सरकार का सारा ध्यान कोरोना वायरस से बचाव पर लगा हुआ है।
बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार अगर लॉकडाउन खींचता है तो यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सकता है। यह पंजीकरण बैंक शाखाओं के माध्यम से किया जाना है। इस समय बैंकों में भी सीमित काम हो रहा है।
इस समय कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है जो 3 मई तक चलेगा। चूंकि एडवांस पंजीकरण बैंकों में होता है इसलिए इसे स्थगित किया गया है। लंगरों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 25 फरवरी को ही समाप्त हो गई थी। देश भर से 115 लंगर संगठनों ने श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के पास आवेदन किया है। यह लंगर यात्रा के आधार शिविरों बालटाल, पहलगाम और यात्रा मार्गों पर लगते हैं।
नतजीजतन कोरोना संक्रमण का असर बाबा अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ गया है। इसके चलते एडवांस पंजीकरण 4 मई तक टाल दिया गया है। देशभर की बैंक शाखाओं में पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी। यह पंजीकरण एक अप्रैल से आरंभ होना था। लॉकडाउन के चलते पहले इसे 15 अप्रैल कर दिया गया था। अब लॉकडाउन 2.0 बढ़ने के बाद पंजीकरण को फिर से टाल दिया गया है। अब श्राइन बोर्ड 3 मई को आगामी फैसला लेगा। इसके अलावा यात्रा की अन्य तैयारियां भी प्रभावित होना लाजिमी है।
दूसरी ओर अमरनाथ यात्रा के नजदीक आते देख कोरोना प्रकोप से पहले ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे व्यापार जगत की चिंताएं बढ़ने गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा आरंभ होने से पहले-पहले देश भर में कोरोना का प्रकोप समाप्त नहीं हुआ तो इसका असर यात्रा पर भी दिखने को मिलेगा।
व्यापारी इस उम्मीद में थे कि यात्रा शुरू होने पर जम्मू कश्मीर में आर्थिक मंदी दूर होगी और यहां ठप पड़ी व्यापारिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। परंतु अब जम्मू कश्मीर सहित देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने उनकी चिंता बढ़ाना शुरू कर दी है। व्यापारी भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि यात्रा आरंभ होने से पहले-पहले कोरोना का प्रभाव कम हो ताकि लोग इस विघट परिस्थित से बाहर निकल सकें।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 23 जून से प्रस्तावित है। 42 दिन चलने वाली यह यात्रा 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी। लेकिन कोरोना के कारण इसके अब निर्धारित तारीख पर आरंभ होने पर शंका पैदा हो गई है। देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए यहां पहुंचते हैं।