मुंबई। Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति फिर गर्मा गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने बुधवार को पार्टी नेतृत्व से अपील की कि वे उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त कर दे और उन्हें पार्टी संगठन में कोई भूमिका सौंपे। मुंबई में आयोजित राकांपा के 24वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में पवार ने यह मांग रखी।
ताजा अटकलों को हवा देने वाली एक टिप्पणी में अजित पवार ने कहा कि मुझे बताया गया है कि मैं नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सख्त व्यवहार नहीं करता हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम करने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पार्टी विधायकों की मांग पर यह भूमिका स्वीकार की थी। अजित ने कहा कि उनकी मांग पर फैसला करना राकांपा नेतृत्व पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी संगठन में कोई भी पद दे दें। मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसके साथ पूरा न्याय करूंगा।
पवार ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार गिरने के बाद पिछले वर्ष जुलाई में नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभाला था। तत्कालीन एमवीए सरकार में वह उपमुख्यमंत्री थे। शिवसेना में विद्रोह के कारण तत्कालीन एमवीए सरकार गिर गयी थी।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपी थी, जबकि दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को उन्होंने अन्य राज्यों की जिम्मेदारी दी।
अजित पवार ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और प्रकाश आम्बेडकर की अध्यक्षता वाली वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 2019 में, वीबीए ने अकेले कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को नुकसान पहुंचाया था। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समान विचारधारा वाले दलों के बीच मतों का विभाजन न हो। हम बीआरएस और वीबीए को नजरअंदाज नहीं कर सकते।"
राव विशेष तौर पर महाराष्ट्र में बीआरएस का आधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और मराठवाड़ा क्षेत्र में 'किसान' सरकार की स्थापना के लिए रैलियां आयोजित की थीं। बीआरएस ने पश्चिमी राज्य में सदस्यता अभियान भी शुरू किया है।
अजित पवार ने मुंबई और विदर्भ में राकांपा संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि योग दिवस के आयोजनों पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने (महाराष्ट्र विधानसभा) उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से पूछा कि वह योग दिवस कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हुए। जिरवाल ने मुझे बताया कि वह अपने बड़े पेट के कारण झुक नहीं सकते हैं और लोग उन पर हंस सकते हैं।
राकांपा नेताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बूथ समितियों को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। भाषा Edited By : Sudhir Sharma