पटना। यह कहानी बिहार के अस्थावां (बिहार शरीफ) की है, जहां 30-32 साल की एक विधवा चायवाली और उसके चार बुजुर्ग प्रेमी खुशी-खुशी अपनी प्रेम कहानी को आगे बढ़ा रहे थे। इन पांचों की प्रेमलीला बिना किसी समस्या के आगे बढ़ रही थी, लेकिन इसी दौरान 75 वर्षीय एक बुजुर्ग की भी इनके बीच एंट्री हो गई। चायवाली को तो पांचवें की एंट्री से कोई समस्या नहीं थी, लेकिन उसके चारों प्रेमियों को यह मंजूर नहीं था। ...और 'सौतिया डाह' इस कदर बढ़ी की इन सबने मिलकर पांचवें की जीवनलीला ही समाप्त कर दी।
इस चायवाली के पांचवें दीवाने थे तृपित शर्मा। उन चारों को चायवाली के साथ लगातार बैठकें और उनकी मजाकबाजी देखकर शर्मा ने भी इनके बीच एंट्री लेनी चाही। उनकी पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। ऐसे में अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने चायवाली समक्ष अपना प्रेम प्रस्ताव रख दिया। आश्चर्य की बात यह थी कि चायवाली को उनकी बात से कोई आपत्ति नहीं हुई। इसके बाद उनका उसके घर आना-जाना भी शुरू हो गया।
यही बात चायवाली के चारों आशिकों को नागवार गुजरी। दरअसल, शर्मा की एंट्री के बाद वह चायवाली उन लोगों पर कम ध्यान देने लगी थी। उन्होंने यह बात चायवाली को भी बताई और साथ ही कहा कि हम पांचों के बीच इस छठे की एंट्री ठीक नहीं है। इसे तो ठीक करना ही होगा। उनकी बात पर चायवाली सहमत तो हो गई, लेकिन उसने चारों से कहा कि तुम ही देख लो इस मामले को।
इस तरह दिया हत्या को अंजाम : वह 19 अक्टूबर 2022 का दिन था। चायवाली ने तृपित शर्मा को एकांत स्थान पर बुलाया। वे भी खुशी-खुशी वहां पहुंच गए। वहां पहले से चारों आशिक भी मौजूद थे। इन लोगों के बीच विवाद हुआ फिर किसी एक ने शर्मा के सिर पर ईंट दे मारी। 75 साल के शर्मा वहीं ढेर हो गए। फिर इन सबने मिलकर शर्मा का शव अस्थावां पोलिटेक्निक कॉलेज के निकट बन रहे एक घर की पानी टंकी में डाल दिया।
बिहार शरीफ (सदर) के डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि महिला के साथ मिलकर चारों ने शर्मा हत्या की योजना बनाई थी। शर्मा के साथ मारपीट कर उनकी हत्या कर दी गई। शर्मा का चेहरा पत्थर से कुचल दिया गया, ताकि उनकी पहचान न हो सके। शर्मा के पुत्र मिट्ठू कुमार ने अस्थावां थाने में पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
गिरफ्तार आरोपियों में विधवा चायवाली पीनो देवी के अलावा उसके चारों प्रेमी- बरबीघा थाना क्षेत्र के कुतुबचक निवासी 75 वर्षीय कृष्णनंदन प्रसाद, अस्थावां गांव निवासी 60 वर्षीय सूर्यमणि कुमार, अकबरपुर गांव निवासी बनारस प्रसाद उर्फ लोहा सिंह तथा मानपुर थाना के छबीलापुर गांव निवासी वासुदेव पासवान शामिल हैं।
इस तरह हुआ खुलासा : पुलिस ने जब मामले की खोजबीन की तो उनकी जांच का दायरा चायवाली की दुकान तक पहुंचा। वहां इन लोगों के बारे में पता चला। पुलिस को शक तो था, लेकिन कोई सबूत नहीं था। इस बीच, तृपित शर्मा का मोबाइल भी गायब था, जो कि चायवाली के पास था। महीने भर बाद जब ये सभी निश्चिंत हो गए अब उन पर कोई शक नहीं करेगा। एक दिन चायवाली ने वह मोबाइल चालू कर लिया, बस फिर क्या था पुलिस पहुंच गई। जब सख्ती से पूछताछ की तो चायवाली टूट गई और उसने पूरी घटना के बारे में बता दिया।