Raksha bandhan 2023 : किस प्रांत में कैसे मनाया जाता है राखी का त्योहार?

Webdunia
Raksha Bandhan 2023: इस बार 30 और 31 अगस्त 2023 दोनों दिनों मनाया जा रहा है रक्षा बंधन का त्योहार। राखी के इस पर्व को संपूर्ण भारत में मनाया जाता है परंतु हर प्रांत में इस पर्व को मनाए जाने के तरीके अलग अलग हैं। भारत में यह त्योहार सिर्फ भाई बहन तक ही सीमित नहीं है और भी कई कारणों से यह त्योहार मनाया जाता है।
 
1. नारियल पूर्णिमा : भारत के पश्चिमी घाट सहित समुद्री क्षेत्रों में यह इस दिन वर्षा के देवता इंद्र और समुद्र के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है। मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से करते हैं। इस‍ दिन समुद्र के देवता भगवान वरुण को श्रावण मास की पूर्णिमा को नारियल प्रदान किए जाते हैं। मतलब समुद्र में नारियल फेंके जाते हैं ताकि समुद्र देव हमारी हर प्रकार से रक्षा करें। इसीलिए इसे नारियल पूर्णिमा के साथ ही राखी पूर्णिमा भी कहते हैं।
 
2. अबित्तम पर्व : श्रावण पूर्णिमा के दिन दक्षिण भारत में रक्षा बंधन को अबित्तम कहा जाता है क्योंकि इस दिन पवित्र धागे जनेऊ को बदला जाता है। इसे श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहते हैं। ग्रंथों में रक्षा बंधन को पुण्य प्रदायक, पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है जो कि खराब कर्मों का नाश करता है। उत्तर भारत में इस दिन श्रावणी उपाकर्म करते हैं।
 
3. कजरी पूर्णिमा : उत्तर भारत में इस त्योहार को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान खेत में गेहूं और अन्य अनाज बिछाया जाता है और अच्‍छी फसल की कामना से माता दुर्गा की पूजा की जाती है। 
 
4. पवित्रोपन्ना पूजा : इसी तरह गुजरात में रुई को पंचगव्य में भिगोकर उसे शिवलिंग के चारों ओर बांध देते हैं। इस पूजा को पवित्रोपन्ना भी कहा जाता है। हालांकि वहां पर भी बहनें भाई को राखी बांधती हैं।
 
5. राखी का पर्व : अधिकतर क्षेत्रों में इस त्योहार को भाई बहन के रूप में मनाया जाता है। हालांकि अंचलों में फसल से भी इस त्योहार को जोड़कर देखा जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह के दिन आजमा सकते हैं ये 12 अचूक उपाय

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख
More