जयपुर। राजस्थान में इस बार करोड़पतियों और लखपतियों के बीच चुनावी घमासान होने जा रहा है। दो सौ सीटों वाली राजस्थान विधानसभा के लिए भाग्य आजमा रहे 275 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। इनमें 86 उम्मीदवार तो ऐसे हैं जिनके पास तीन से चार करोड़ रुपए के बीच जायदाद है।
कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों ने इस बार करोड़पति उम्मीदवारों को जमकर टिकट बांटे हैं। उम्मीदवारों की संपत्ति का आकलन करें तो बागी उम्मीदवारों की ओर से लगाए जा रहे टिकट खरीदने के आरोप भी कुछ हद तक सही नजर आते हैं। भाजपा ने इस चुनाव में 79 और कांग्रेस ने 86 करोड़पतियों को टिकट दिया है। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी ने 36 करोड़पति उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे करोड़पति निर्दलीयों की संख्या भी इस बार 50 से ज्यादा है।
करोड़पति उम्मीदवारों की ओर से नामांकन के वक्त शपथ पत्र में दी गई कई बातें हास्यास्पद नजर आती हैं। कांग्रेस व भाजपा के 54 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताई है लेकिन इनके पास खुद का मकान और वाहन तक नहीं है। सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राज्य के शिक्षामंत्री घनश्याम तिवाड़ी के पास पांच करोड़ रुपए की संपत्ति है लेकिन उनके पास खुद का वाहन और मकान नहीं है। यह और बात है कि सोडाला इलाके में उनके आलिशान मकान का राज किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री के विरोधी खेमे में रहने वाले तिवाड़ी ने पूरे पांच साल तक शिक्षा विभाग का कामकाज इसी मकान से निपटाया है।
उनके पास कितने वाहन हैं यह राज भी किसी से छिपा नहीं है लेकिन राज्य के निर्वाचन विभाग को तो उनकी ओर से पेश किए गए शपथ पत्र में ही सच्चाई नजर आती है। झालरापाटन से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे और सरदारपुरा से कांग्रेस के टिकट पर भाग्य आजमा रहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भी संपत्ति तो एक करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन दोनों ही इतने गरीब हैं कि इनके पास अभी खुद का वाहन और मकान तक नहीं है।
नामांकन के वक्त शपथ पत्र में नेताओं की ओर से भरी गई जानकारी कितनी सही है इसका अंदाजा इनकी ओर से दिए गए ब्यौरे को देखकर लगाया जा सकता है। राजस्थान इलेक्शन वॉच से जुडी मैग्ससे पुरस्कार प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय का कहना है कि करोड़ों की संपत्ति के मालिक इन नेताओं ने अपनी संपत्ति का जो गलत ब्यौरा दिया है निर्वाचन आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। भविष्य में कोई उम्मीदवार इस तरह के गलत तथ्य नहीं पेश करे, इसकी अभी से व्यवस्था करनी चाहिए।
नागौर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हरेंद्र मिर्धा की संपत्ति तो 9 करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन उनके पास न तो खुद का वाहन और न ही खुद का मकान। करणपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार गंगाजल मील, लालसोट से भाजपा उम्मीदवार राजकुमार मीणा, राजसमंद से कांग्रेसी प्रत्याशी हरीसिंह राठौड, नवलगढ से नेशनल लोकदल-भाजपा के उम्मीदवार शुभकरण, आमेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे राज्यसभा सांसद ज्ञानप्रकाश पिलानिया के पुत्र नवीन पिलानिया, किशनपोल से भाजपा उम्मीदवार मोहन लाल गुप्ता, राजाखेडा से कांग्रेस उम्मीदवार और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री प्रद्युम्नसिंह और सिविल लाइंस क्षेत्र से कांग्रेसी उम्मीदवार प्रतापसिंह खाचरियावास के नाम भी उन्हीं लोगों में शुमार है जिनके पास एक करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है लेकिन खुद का मकान और वाहन नहीं है।
दो सौ से ज्यादा करोड़पतियों के बीच राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनके पास एक रुपए की भी संपत्ति नहीं है। मुंडावर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड रहे राज्य के संसदीय सचिव धर्मपाल चौधरी के पास एक रुपए की भी संपत्ति नहीं है। शपथ पत्र की मानें तो चौधरी के पास खुद का न तो वाहन और न मकान। राजस्थान इलेक्शन वॉच के प्रतिनिधि कमल टांक के मुताबिक दर्जनों बसों के मालिक और शराब के कारोबार से जुड़े किसी व्यक्ति के पास एक रुपए की संपत्ति नहीं होना बहुत ही हास्यास्पद बात है। विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के नाम पर लाखों रुपए बहाने वाले धर्मपाल चौधरी जैसे 20 उम्मीदवार हैं जिनके पास अपनी संपत्ति के नाम पर एक फूटी कोडी भी नहीं है। ( नईदुनिया )