पंजाब में आप की जीत के 8 बड़े कारण, क्या कहता है पंजाब की जनता का चुनावी मूड

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 10 मार्च 2022 (12:22 IST)
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आ रहे हैं। शुरुआती रुझानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार बनती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि पंजाब में पिछले एक साल से अधिक समय से किसान आंदोलन, चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की बेदखली और फिर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले के बीच राज्य में अकाली दल, आप और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा था। आइए जानते हैं कि पंजाब में आप को मिल रहे भारी बहुमत के क्या बड़े कारण रहे: 

ALSO READ: पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम : दलीय स्थिति Live Update
1. सत्ता-विरोधी लहर : कांग्रेस के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर साफ दिखाई दी। आप ने अपने चुनावी एजेंडे को राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, COVID-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे, महंगाई, शिक्षा और अन्य नागरिक मुद्दों को लोगों के सामने पुरजोर तरीके से उठाया।  
 
2. पंजाब में दलित वोट का अबाउट टर्न: भारत की अनुसूचित जाति (SC) की आबादी का पंजाब में अनुपात (31.9%) सबसे ज्यादा है। हालांकि, जाट सिख (जनसंख्या का 20%) यहां की राजनीति पर हावी है। आप का नारा “इस बार न खावंगे धोखा, भगवंत मान ते केजरीवाल नू देवांगे मौका" ने जनता को अपनी और आकर्षित किया क्योंकि लोग यथास्थिति और गिरती आय का स्तर से तंग आ चुके थे। इसलिए लोगों ने बदलाव के पक्ष में वोट किया। 

ALSO READ: कॉमेडियन से पंजाब का सीएम चेहरा बनने तक, जानिए कैसा रहा भगवंत मान का सफर
3. भगवंत मान का चेहरा : संगरूर के सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। पार्टी का एक लोकप्रिय सिख चेहरा मान मालवा क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। सतलुज नदी के साउथ बेल्ट से पंजाब विधानसभा में 69 सदस्य जाते हैं। कहा जाता है कि मालवा जीतने वाला आम तौर पर पंजाब जीतता है 
 
4. दिल्ली में डटे किसानों को समर्थन, सुविधाएं देने और उनसे सीधे संवाद के कारण अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और राघव चड्ढा नियमित रूप से जमीन पर प्रदर्शनकारियों से मिलते रहे। इस कारण उनके चेहरे पंजाब में जाने-पहचाने रहे और पंजाब के किसान आप के प्रति सहानुभूति रखने लगे। 
 
5. पंजाब को भाया दिल्ली मॉडल: अरविंद केजरीवाल ने अपने पंजाब के लोगों के सामने अपना दिल्ली मॉडल रखा। उन्होंने दिल्ली शासन मॉडल के चार स्तंभों - सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी को लेकर लोगों से वादे किए। पंजाब एक ऐसा राज्य है जो बिजली की महंगी दरों से जूझता रहा है, और जहां स्वास्थ्य और शिक्षा का ज्यादातर निजीकरण किया गया था। इसीलिए लोगों ने केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को हाथों हाथ लिया। 
 
6. काम नहीं आई कांग्रेस की दलित पॉलीटिक्स : चरणजीत सिंह चन्नी राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। CM चरणजीत चन्नी के सहारे दलित पॉलीटिक्स खेलने वाली कांग्रेस एंटीइंकम्बेंसी की शिकार हुई। रुझानों की मानें तो चन्नी के आने से भी कांग्रेस को दलित वोट को मजबूत करने में मदद नहीं मिली। 
 
7. किसान आंदोलन के कारण एनडीए से अलग हुई राजनीतिक तौर पर कांग्रेस की धुर विरोधी अकाली के खिलाफ कांग्रेस ने इस बार नरम रुख अख्तिार किया। उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर बादल के खिलाफ आरोपों में नरमी के कारण अकालियों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया गया था।  
 
8. अंदरूनी कलह और सिद्धू के तेवर पड़े भारी: ऐसा लग रहा है कि पंजाब का चुनावी मूड भांपने में कांग्रेस का आलाकमान बुरी तरह विफल रहा। सितंबर 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के शीर्ष पद से हटने से राज्य में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ीं।  इसके अलावा नेतृत्व संकट से लेकर नवजोत सिंह सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ के बीच शीर्ष पद के लिए विवाद से जनता में नकारात्मक संदेश गया। कांग्रेस में अंदरूनी कलह ने मतदाताओं को जमीन पर उलझा दिया है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

MCD महापौर मामले में AAP ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा, हर्ष संघवी को गृह और कनुभाई देसाई को मिला वित्त विभाग, जानिए किसे कौनसा मंत्रालय मिला

भूपेन्द्र पटेल दूसरी बार बने गुजरात के मुख्‍यमंत्री, एक महिला मंत्री ने भी ली शपथ

Gujarat : गांधीनगर में कल भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण, PM मोदी भी रहेंगे मौजूद, ये विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

हिमाचल में प्रतिभा सिंह के 'हाथ' से कैसे फिसल गई CM की कुर्सी?

अगला लेख
More