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नवजोत सिद्धू ने उठाए 'अपनी' ही सरकार पर सवाल, कहां है कोटकपुरा कांड का आरोप पत्र?

हमें फॉलो करें नवजोत सिद्धू ने उठाए 'अपनी' ही सरकार पर सवाल, कहां है कोटकपुरा कांड का आरोप पत्र?
, सोमवार, 8 नवंबर 2021 (20:52 IST)
चंडीगढ़। कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वह 2015 कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी की घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाएगी या दोषियों की ‘ढाल’ बनकर उनके साथ खड़ी होगी।
 
सिद्धू ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए यह भी पूछा कि घटना में आरोप पत्र कहां है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपुरा गोलीबारी की घटना की जांच 6 महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि आज छह महीने और एक दिन बीत गया। आरोप पत्र कहां है?
 
उन्होंने यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के एक आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को मिली जमानत के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई?
 
उच्च न्यायालय ने अप्रैल में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 2015 कोटकपुरा में सिख प्रदर्शनकारियों की एक सभा में हुई गोलीबारी संबंधी घटना की जांच को रद्द कर दिया था। सिख प्रदर्शनकारी उस वर्ष फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
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अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच को रद्द कर दिया था। बाद में उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी।
 
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सात मई को नई एसआईटी का गठन किया गया था। कोटकपुरा गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एलके यादव ने किया।
 
राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं और इसके बाद 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित घटनाएं हुई थीं। पुलिस गोलीबारी की एक घटना कोटकपुरा में और दूसरी फरीदकोट के बहबल कलां में हुई थी।
 
सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता एपीएस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक आईपीएस सहोता की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं। कोटकपुरा की घटना के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वह 6 महीने और एक दिन बीतने के बाद इस मुद्दे को उठा रहे हैं और राज्य के महाधिवक्ता (एजी) एपीएस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईपीएस सहोता की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया।
 
उन्होंने राज्य में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के स्पष्ट संदर्भ में पूछा कि आपकी नियुक्तियों में फिर से गड़बड़ी हुई है। चाहे आप (यहां) न्याय देने वाले हों या दोषियों की ढाल बनकर उनके साथ खड़े हों। क्या इसका कोई जवाब है?
 
नशीले पदार्थों पर एक विशेष कार्यबल की रिपोर्ट पर, सिद्धू ने राज्य सरकार से पूछा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से किसने रोका और उन्होंने ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ की आवश्यकता पर जोर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि सिद्धू जहां हैं वहीं खड़े हैं। जो बदल गए हैं, उन्हें अपना रुख साफ करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा कोई अच्छा काम किया जाता है तो वह सराहना करते हैं और उन्होंने इसके द्वारा ईंधन की कीमतों में कमी का उल्लेख किया गया।

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