मुस्लिम बहुल मलेरकोटला में दो शीर्ष पुलिस अधिकारियों की पत्नियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।
सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने सेवानिवृत्त डीजीपी मोहम्मद इजहार आलम की पत्नी फरजाना आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दो बार की विधायक रजिया सुल्ताना को मैदान में उतारा है। रजिया अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी हैं।
यह विधानसभा क्षेत्र उम्मीदवारी से ज्यादा दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बढ़त लेने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दो वर्ष पहले सेवानिवृत्त होने वाले आलम अल सुबह से चुनाव प्रचार में पत्नी का हाथ बंटाने लगते हैं।
पूर्व डीजीपी अपने मतदाताओं के साथ संबंध बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां कुल मतदाताओं की संख्या एक लाख 60 हजार है, जिसमें 58 हजार मुसलमान हैं। वे पंजाब वक्फ बोर्ड के प्रमुख के तौर पर किए गए कार्यों से मतदाताओं को अवगत करा रहे हैं।
अपनी पत्नी के लिए प्रचार करते हुए आलम ने कहा कि पहली बार दो वर्ष पहले जब मैंने वक्फ का कार्यभार संभाला, मैंने घाटे के निकाय को फायदे में बदल डाला। मैंने जब कार्यभार संभाला तब इसकी आय महज 3.63 करोड़ रुपए थी, लेकिन आय अब 19.31 करोड़ रुपए पहुंच गई है। स्नातक एवं गृहिणी फरजाना ने मुस्तफा पर आरोप लगाया कि वह रजिया के पक्ष में मतदान के लिए दबाव बनाने की खातिर पुलिस मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बहरहाल रजिया ने आलम पर पलटवार करते हुए कहा कि आप जानते हैं कि इस विधानसभा क्षेत्र की बेहतरी के लिए मैंने कितनी कड़ी मेहनत की है। शिअद सभी मोर्चों पर विफल रहा है। रजिया कहती हैं कि मैं लोगों पर विश्वास करती हूं और अच्छी तरह जानती हूं कि वे इस बार भी मुझमें विश्वास जताएंगे। उन्हें यहां से फिर चुनाव जीतने का विश्वास है। (भाषा)