Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राजीव गांधी : भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री

हमें फॉलो करें राजीव गांधी : भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री
भारत में कम्प्यूटर क्रांति लाने वाले राजीव गांधी नेहरू-गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य थे। देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का गौरव भी राजीव को हासिल है। इन्हें आधुनिक भारत का शिल्पकार भी कहा जाता है।
 
प्रारंभिक जीवन : इनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। इनकी माता का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था। परिवार में पत्नी सोनिया गांधी और दो संतानें राहुल व प्रियंका गांधी हैं। माता इंदिरा गांधी लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं।
 
राजनीतिक जीवन : देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवार से आने वाले राजीव गांधी की राजनीति में कोई विशेष रुचि नहीं थी और वे एक एयरलाइंस में पायलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरांत जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए वे परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे। 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद राजीव ने राजनीति में प्रवेश किया। 1981 में उत्तरप्रदेश की अमेठी सीठ से सांसद बने। 1985 से 1991 तक वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।
 
1984 में प्रधानमंत्री बने : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। जब इंदिराजी की हत्या हुई, तो राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। कुछ दिन बाद उन्हें कांग्रेस (इं) पार्टी का नेता भी चुन लिया गया। वे 31 अक्टूबर 1984 से 1 दिसंबर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया।
 
विशेष : राजीव गांधी का कार्यकाल कुल मिलाकर मिला-जुला रहा था। उन्हें कई नई पहलों और शुरुआत का जनक माना जाता है जिसके अंतर्गत संचार क्रांति, कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं। उन्होंने कई साहसिक कदम भी उठाए थे जिनमें असम समझौता, पंजाब समझौता, मिजोरम समझौता, श्रीलंका में शांति सेना का भेजा जाना आदि शामिल हैं।
 
उनके कार्यकाल का सबसे बदनुमा दाग बोफोर्स कांड रहा। इससे न सिर्फ उनकी किरकिरी हुई बल्कि उनके हाथ से सत्ता भी निकल गई। 21 मई 1991 में 46 वर्ष की उम्र में राजीव गांधी की तमिलनाडु में लिट्‍टे द्वारा किए गए आत्मघाती विस्फोट में मौत हो गई।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पीवी नरसिंह राव : देश को उदारीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ाया