महाकुंभ 2021 की उल्टी गिनती शुरू, 25 जनवरी को जूना अखाड़े का नगर प्रवेश

निष्ठा पांडे
रविवार, 10 जनवरी 2021 (00:31 IST)
हरिद्वार। शनिवार को साधुओं के सबसे बड़े अखाड़े जूना अखाड़े द्वारा कुंभ को लेकर की गई नगर प्रवेश धर्म ध्वजा और पेशवाइयों की तिथि की घोषणा के साथ ही महाकुंभ 2021 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जूना अखाड़े के संत और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि आगामी 25 जनवरी को जूना अखाड़ा नगर प्रवेश करेगा।

नगर प्रवेश के लिए अखाड़े के रमता पंच चंडी घाट से प्रवेश करने के बाद हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर के पांडेवाला में पहुंचेंगे। 16 फरवरी को जूना अखाड़े का धर्म ध्वजा पूजन होगा। जूना अखाड़े के साथ अग्नि अखाड़े की पेशवाई 27 फरवरी को निकाली जाएगी। 1 मार्च को आह्वान अखाड़े की पेशवाई निकाली जाएगी।

शनिवार को मेलाधिकारी दीपक रावत तथा अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह भी दल-बल सहित जूना अखाड़ा पहुंचे। कुंभ मेला 2021 की तैयारियों को लेकर कुंभ मेला प्रशासन ने भी अपनी कुंभ कार्यों की मॉनिटरिंग तेज कर दी। मेलाधिकारी दीपक रावत, अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह अपने सहयोगी अधिकारियों की टीम के साथ लगातार अखाड़ों में जाकर वहां चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते दिखे।

अखाड़ा पहुंचे अधिकारियों को अखाड़े के महंत हरि गिरि ने अखाड़े के परिसर में स्थापित होने वाली जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा तथा अग्नि अखाड़ा की धर्मध्वजाओं का स्थल, चरण पादुका व छावनियों में पेयजल, विद्युत, शौचालय, पानी की निकासी, सीवर लाइन, सड़क तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने अधिकारियों को रामलीला मैदान में संन्यासियों हेतु बनाए जाने वाले माईबाड़े का स्थान दिखाते हुए यहां पर समुचित व्यवस्थाएं तथा सुरक्षा की विशेष व्यवस्थाएं किए जाने के लिए कहा। जूना अखाड़े के परिसर में जूना अखाड़े के साथ-साथ आह्वान तथा अग्नि अखाड़े के नागा संन्यासियों की छावनी बनती है। अलख दरबार व माईबाड़े की छावनी अलग से बनाई जाती है।टैंटों तथा टीनशेड में बनाई जाने वाली छावनियों में हजारों नागा साधु तथा संन्यासिनी निवास करती हैं।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने अखाड़ा परिसर में विद्युत पोल लगाने, पेयजल लाइन, सीवर लाइन, अस्थाई शौचालय, सड़कों का निर्माण इसी सप्ताह शुरू करने की बात कही। अखाड़ों के पेशवाई मार्ग नगर प्रवेश मार्ग अखाड़ों तक पहुंचने के मुख्य मार्गों को भी मेलाधिकारी दीपक रावत के अनुसार समय से पूर्व व्यवस्थित कर दिया जाएगा।

हालांकि कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी न होने के कारण अभी तक कुंभ मेला कितने दिनों का होगा, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।मदन कौशिक, मंत्री, शहरी विकास ने पिछले दिनों कुंभ को 48 दिनों का बताया था जबकि राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा कि कुंभ साठ दिन चलेगा इस पर जब आज हरिद्वार में मदन कौशिक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक कुंभ की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसी के बाद कुछ पता चल पाएगा।

शहरी विकास मंत्री के अनुसार, कुंभ की अधिसूचना फरवरी के दूसरे सप्ताह तक जारी होगी। कुंभ की अधिसूचना में हो रही देरी को लेकर अखाड़े नाराजगी जता चुके हैं। अखाड़े कह रहे हैं कि कुंभ वर्ष होने के नाते मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के स्नानों को कुंभ स्नान माना जाता है लेकिन इस पर सरकार कुछ भी स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं है।

उधर कुंभ को ध्यान में रखते हुए  14 जनवरी से प्रत्येक दिन गंगा जल की गुणवत्ता की जांच होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रदूषण बोर्ड मुख्यालय देहरादून को दिशा निर्देश जारी कर कुंभ में गंगा के जल की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने की हिदायत राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी है। इसके तहत कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को हर दिन इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि गंगा का जल नहाने और आचमन लायक है या नहीं है।इसका डाटा प्रत्येक दिन केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा।

गंगा में आश्रमों और होटलों का सीवर गिरने से गंगा के जल में अशुद्धि का स्तर भी बढ़ने लगा है। केंद्र सरकार प्रत्येक कुंभ पर जल की मॉनिटरिंग करने के लिए गाइडलाइन जारी करती है।हरिद्वार में महाकुंभ की तैयारियां जोरशोर से चल रही है लेकिन गंगा की स्वच्छता और निर्मलता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए अरबों रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन हरिद्वार में गंगा की स्वच्छता का उद्देश्य धरातल पर उतरता नजर नहीं आ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार की विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर गंगाजल पीने के लायक नहीं है, यहां के गंगा जल में केवल स्नान किया जा सकता है।

हरकी पैड़ी समेत चार अलग-अलग स्थानों से लिए गए गंगा जल के सैंपलों की जांच में पानी में टोटल क्लोरोफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा स्टैंडर्ड मानकों से अधिक पाई गई। गंगा के पानी को इस क्षेत्र में बी श्रेणी का पाया गया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व और पूजा विधि और उपाय

Surya in vrishchi 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए बहुत ही शुभ

Aaj Ka Rashifal: 13 नवंबर के दिन किन राशियों को मिलेगी खुशखबरी, किसे होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां

Vaikuntha chaturdashi date 2024: वैकुण्ठ चतुर्दशी का महत्व, क्यों गए थे श्री विष्णु जी वाराणसी?

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख
More