अग्निसार प्राणायाम क्रिया योग

Webdunia
मंगलवार, 6 नवंबर 2012 (15:28 IST)
ND
अग्निसार प्राणायाम क्रिया योग से शरीर के अंदर अग्नि उत्पन होने के कारण अंदर के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। इस प्लाविनी क्रिया भी कहते हैं।

अग्निसार विधि- इस प्राणायाम का अभ्यास खड़े होकर, बैठकर या लेटकर तीनों तरह से किया जा सकता है। आप चाहे तो सिद्धासन में बैठकर दोनो हाथ को दोनों घुटनों पर रखें और शरीर को स्थिर करें। अब पेट और फेंफड़े की वायु को बाहर छोह़ते हुए उड्डीयान बंध लगाएँ अर्थात पेट को अंदर की ओर खींचे।

सहजता से जितनी देर श्वास रोक सकें रोंके और पेट को नाभि पर से बार-बार झटके से अंदर खींचें और ढीला छोड़ें अर्थात श्वास को रोककर रखते हुए ही पेट को तेजी से 3 बार फुलाएँ और पिचकाएँ। ध्यान मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे रीढ़ में) पर रहे। यथाशक्ति करने के बाद श्वास लेते हुए श्वास को सामान्य कर लें।

इसके लाभ- यह क्रिया हमारी पाचन ‍प्रक्रिया को गति‍शील कर उसे मजबूत बनाती है। शरीर के सभी तरह के रोगाणुओं को भस्म कर शरीर को स्वस्थ करती है। यह क्रिया पेट की चर्बी घटाकर मोटापे को दूर करती है ता यह कब्ज में भी लाभदाय है।

सावधानी- प्राणायाम का अभ्यास स्वच्छ व साफ वातावरण में दरी या चटाई बिछाकर करना चाहिए। यदि पेट संबंधि किसी भी प्रकार का कोई गंभीर रोग हो तो यह क्रिया नहीं करना चाहिए।

- anirudh joshi shatayu

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

More