विनेश फोगाट के लिए मंगलावार का दिन जितना सुखद था उतना ही दुखद बुधवार का दिन रहा। 50 किलो ग्राम वर्ग से ज्यादा का वजन होने के कारण उन्हें फाइनल मैच से अयोग्य घोषित किया गया है। लेकिन यह दर्शकों को आकस्मिक लग रहा होगा। विनेश फोगाट ने कम वजन में जाने की जिद्द मार्च में शुरु हुए ट्रायल्स से ही शुरु कर दी थी।
मार्च में शुरु हुए ट्रायल्स में स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किलो और 53 किलो वर्ग में चयन ट्रायल शुरू नहीं होने दिये थे और अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा था कि 53 किलो भारवर्ग के आखिरी ट्रायल ओलंपिक से पहले करवाए जाएंगे ।डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने और लंबे चले प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली विनेश 50 किलोवर्ग के ट्रायल के लिये यहां साइ केंद्र पहुंची थी।
वह प्रदर्शन से पहले 53 किलोवर्ग में उतरती थी लेकिन उस वर्ग में अंतिम पंघाल को कोटा मिलने के कारण उसने अपना भारवर्ग कम किया था।विनेश ने लिखित आश्वासन की मांग करते हुए प्रतिस्पर्धा शुरू नहीं होने दी थी। उसने 50 किलो और 53 किलो दोनों में भाग लेने की अनुमति मांगी जिससे अजीब स्थिति बन गई थी । इससे 50 किलो भारवर्ग में उतरे पहलवान शिकायत करने लगे थे।
ट्रायल के दौरान मौजूद एक कोच ने कहा था , विनेश सरकार से आश्वासन चाहती है। उसे डर है कि अगर WFI के हाथ में फिर कमान आ गई तो चयन नीति बदल सकती है। पर सरकार इस पर आश्वासन कैसे दे सकती है। सरकार चयन मामलों में दखल नहीं दे सकती।उन्होंने कहा , शायद वह अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहती है। वह अगर 50 किलो ट्रायल में हार गई तो यह सुनिश्चित करना चाहती है कि 53 किलो में भी दौड़ में बनी रहे।<>