Vishwakarma Jayanti Muhurat 2019 : विश्वकर्मा जयंती आज, इस समय पर भूलकर भी न करें पूजा

Webdunia
सनातन धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। तकनीकी जगत के भगवान विश्वकर्मा की पूजा का त्योहार 17 सितंबर, आज  मनाया जा रहा है। इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहा जाता है। इनको भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। विश्वकर्मा के 5 स्वरुपों और अवतारों का वर्णन प्राप्त होता है। 
 
विराट विश्वकर्मा : सृष्टि के रचयिता 
 
धर्मवंशी विश्वकर्मा : महान शिल्प विज्ञान विधाता प्रभात पुत्र
 
अंगिरावंशी विश्वकर्मा : आदि विज्ञान विधाता वसु पुत्र
 
सुधन्वा विश्वकर्मा : महान शिल्पाचार्य,  विज्ञान जन्मदाता ऋषि अथवी के पौत्र
 
भृंगुवंशी विश्वकर्मा : उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानाचार्य (शुक्राचार्य के पौत्र)
 
विश्वकर्मा को दुनिया का पहले वास्तुकार और इंजीनियर की उपाधि दी गई है। आइए जानते हैं क्या है आज के शुभ मुहूर्त….
 
इस वर्ष कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा का आयोजन हो रहा है। यह एक शुभ स्थिति है। 
 
संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 2 मिनट से है। इस समय पूजा आरंभ की जा सकती है। 
 
इन समयों में न करें पूजा : सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा, इस समय की गई पूजा व्यर्थ चली जाती है। 
 
 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल है, इस समय की गई पूजा का विपरीत फल मिलता है।  
 
और शाम 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल हर तरह की पूजा में नेष्ट माना गया है। 
 
इन समयों को छोड़कर दिन में कभी भी पूजा आरंभ कर सकते हैं।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

बुध ग्रह का तुला राशि में उदय, 4 राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ समय

करवा चौथ पर राशि के अनुसार पहनें परिधान

Diwali muhurat 2024 : दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और सामग्री सहित पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

23 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 अक्टूबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Diwali 2024 : इस दिवाली तेल नहीं पानी के दीयों से करें घर को रोशन

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Radhakunda snan 2024: कार्तिक कृष्ण अष्टमी पर राधा कुंड स्नान का क्या है महत्व?

अगला लेख
More