छत्तीसगढ़ का कुंभ माघ पूर्णिमा का राजिम का मेला

अनिरुद्ध जोशी
महानदी पूरे छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी है और इसी के तट पर बसी है राजिम नगरी। राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर सोंढूर, पैरी और महानदी के त्रिवेणी संगम-तट पर बसे इस छत्तीसगढ़ की इस नगरी को श्रद्धालु श्राद्ध, तर्पण, पर्व स्नान, दान आदि धार्मिक कार्यों के लिए उतना ही पवित्र मानते हैं जितना कि अयोध्या और बनारस को, मंदिरों की महानगरी राजिम की मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक संपूर्ण नहीं होती जब तक यात्री राजिम की यात्रा नहीं कर लेता।
 
 
राजिम का माघ पूर्णिमा का मेला संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ के लाखों श्रद्धालु इस मेले में जुटते हैं। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। इसे राजिम कुंभ मेला भी कहते हैं। महानदी, पैरी और सोढुर नदी के तट पर लगने वाले इस मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का मंदिर है। हालांकि अब इस मेले को राजिम माघी पुन्नी मेला कहा जाता है।
 
 
राजिम में महानदी और पैरी नामक नदियों का संगम है। संगम स्थल पर 'कुलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदर है। इस मंदिर का संबंध राजिम की भक्तिन माता से है। कहते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य के राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की कथा प्रचलित है और भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है। दोनों ही कारणों से राजिम मेला आयोजित होता है।
 
 
राजिम कुंभ में भी कुंभ की तरह एक दर्जन से ज्यादा अखाड़ों के अलावा शाही जुलूस, साधु-संतों का दरबार, झांकियां, नागा साधुओं और धर्मगुरुओं की उपस्थिति मेले के आयोजन को सार्थकता प्रदान करेगी।
 
 
श्रद्घालुओं की अनगिनत आस्था, संतों का आशीर्वाद और कलाकारों के समर्पण का ही परिणाम है कि राजिम-कुंभ जिसने देश में अपनी पहचान नए धार्मिक और सांस्कृतिक संगम के तौर पर कायम कर ली है। इस मेले में छत्तीसगढ़ को देशभर में धर्म, कला और संस्कृति की त्रिवेणी के रूप में ख्यात कर दिया है और एक नई पहचान भी दी है। सच कहें तो अनादि काल से छत्तीसगढ़ियों के विश्वास और पवित्रता का दूसरा नाम है राजिम-कुंभ।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Maha lakshmi 2024: महालक्ष्मी व्रत कब से होंगे प्रारंभ, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Mahabharat : अर्जुन ने बचाई थी दुर्योधन की जान, बदले में दुर्योधन ने जो किया उससे कुरुक्षेत्र के युद्ध में सभी पांडवों की जान बच गई

Shani Margi : जल्द ही शनि चलेंगे सीधी चाल, इन राशियों के सुधरेंगे हाल, हर कदम पर मिलेगी सफलता

Dhanteras 2024 date and time: दिवाली के पहले धनतेरस का पर्व कब मनाया जाएगा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Ramdevra Baba ka mandir: रामदेवरा मंदिर जैसलमेर के बारे में 5 रोचक जानकारी

सभी देखें

धर्म संसार

10 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

Mahalakshmi vrat 2024: ज्येष्ठा गौरी व्रत स्थापना और पूजा के शुभ मुहूर्त

10 सितंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

Surya gochar 2024 : शनि की सूर्य पर शुभ दृष्टि से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन

अक्षय पुण्य चाहिए तो इस समय करें श्राद्ध

अगला लेख
More