माघी पूर्णिमा के 4 सबसे अच्छे मुहूर्त, दान का पुण्य मिलेगा 32 गुना ज्यादा

Webdunia
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022 (03:37 IST)
Magha Purnima 2022: 16 फरवरी 2022 को है माघ पूर्णिमा। इस दिन स्नान और दान का महत्व है।  ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवता स्वर्ग से नीचे उतरकर प्रयाग स्थित गंगा में स्नान करते हैं। इसीलिए इस दिन स्नान माघ मास या माघ पूर्णिमा को संगम में स्नान का बहुत महत्व है। आओ जानते हैं माघ की पूर्णिमा के 4 खास मुहूर्त और दान का महत्व।
 
 
पूर्णिमा तिथि:- 22:27:40 तक
 
4 सबसे अच्‍छे शुभ मुहूर्त : 
 
1. अभिजीत मुहूर्त : 12:13 से 12:57 तक।
 
2. अमृत काल : दोपहर 01:32 से 03:14 तक।
 
3. विजय मुहूर्त : दोपहर 02:06 से 02:51 तक।
 
4. गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:41 से 06:05 तक।
 
5. सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 05:52 से 07:08 तक।
 
शोभन : 15 फरवरी को सुबह 09:18 से 16 फरवरी को रात्रि 08:43 तक। शुभ योग है, शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छा है।
 
दान का मिलता 32 गुन फल : माघ पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा देने से 32 गुना फल मिलता है। इसलिए इसे माघी पूर्णिमा के अलावा बत्तिसी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन कंबल, वस्त्र, तिल, अन्न, घी, नमक, गुड़, पांच तरह के अनाज, गाय आदि का दान करने से हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। दान करने से सभी तरह के संकट मिट जाते हैं और जातक मोक्ष को प्राप्त करता है। 
 
माघ कृष्ण द्वादशी को यम ने तिलों का निर्माण किया और दशरथ ने उन्हें पृथ्वी पर लाकर खेतों में बोया था। अतएव मनुष्यों को उस दिन उपवास रखकर तिलों का दान कर तिलों को ही खाना चाहिए। माघ पूर्णिमा या किसी विशेष दिन पर नदी तट पर या नदी में दीपदान करने को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे देवी और देवता प्रसन्न होते हैं और पुण्‍य की प्राप्ति होती है।
स्नान का महत्व : ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवता स्वर्ग से नीचे उतरकर प्रयाग स्थित गंगा में स्नान करते हैं। इसीलिए इस दिन स्नान माघ मास या माघ पूर्णिमा को संगम में स्नान का बहुत महत्व है। संगम नहीं तो गंगा, गोदावरी, कावेरी, नर्मदा, कृष्णा, क्षिप्रा, सिंधु, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र आदि पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। माघी पूर्णिमा पर गंगा तथा अन्य पवित्र नदियों तथा सरोवर तट पर स्नान करके तिलांजलि देना चाहिए तथा पितृ तर्पण करना चाहिए।
 
स्नान करने से सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है। पुराणों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान श्री विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से विष्णु की कृपा मिलती है तथा धन-संपदा लक्ष्मी, यश, सुख-सौभाग्य तथा उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे घर में धन समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी जी को पीले तथा लाल रंग सामग्री अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं। माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को खीर अर्पित करने से चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है।
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More