अक्षय तृतीया का पवित्र व्रत करने पर अखंड सौभाग्य तथा संतान की प्राप्ति होती है। जिन्हें ग्रहों की दशा प्रतिकूल हों, साढ़े साती, वक्री या अस्त ग्रह हों, उन्हें विशेष दान करना चाहिए। ग्रहों की दान वस्तुएं इस प्रकार हैं-
1. सूर्य- गुड़, कमल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, तांबा, माणिक्य, गेहूं सामर्थ्यानुसार।
2. चंद्र : सफेद वस्तुएं, सफेद वस्त्र, चावल, चंदन, घी, दही, मोती, चांदी सामर्थ्यानुसार।
3. बुध- कांसा, हरा वस्त्र, घी, मूंग, पन्ना इत्यादि।
4. गुरु- पीली वस्तुएं- वस्त्र, चना दाल, पीले फल, पुखराज, शहद, पुस्तकें इत्यादि।
5. शुक्र- श्वेत वस्तुएं- वस्त्र, चंदन, दही, घी, चांदी, हीरा, स्फटिक इत्यादि।
6. मंगल- लाल वस्त्र- वस्तुएं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, मूंगा, लाल चंदन इत्यादि।
7. शनि- काली वस्तुएं- वस्त्र, लोहा, तिल, तेल, उड़द आदि।
8. राहु- नीली वस्तुएं- वस्त्र, तेल, सीसा, लोहा, गोमेद आदि।
9. केतु- काली वस्तुएं- तिल, तेल, लोहा इत्यादि।
10. ब्राह्मण भोजन, कन्या भोजन, अन्नदान इत्यादि का भी बहुत महत्व है।