क्या आप जानते हैं कब से शुरू हुआ था एकादशी व्रत

Webdunia
26 एकादशियों में उत्पन्ना एकादशी का विशिष्ट महत्व है। अत: जो भक्त एकादशी का व्रत आरंभ करना चाहते हैं उन्हें मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी यानी उत्पन्ना एकादशी (वैतरणी एकादशी) से ही व्रत का शुभारंभ करना चाहिए।
 
शास्त्रों के अनुसार एकादशी करने का नियम यह है कि इसे साल में कभी भी शुरू नहीं किया जा सकता। इसे सिर्फ उत्पन्ना एकादशी से ही शुरू कर सकते हैं, क्योंकि इसी एकादशी से एकादशी व्रत का प्रारंभ माना जाता है। यह एकादशी भगवान श्रीहरि विष्णु की वैष्णवी शक्ति है।
 
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी अश्वमेध यज्ञ, कठिन से कठिन तपस्या, तीर्थ स्नान व दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक शुभ फलदायी मानी गई है तथा इस दिन व्रत रखने वाले लोगों के कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं।

अत: जो भी नए एकादशी व्रत के उपवास आरंभ करना चाहते हैं उन्हें इसी दिन से व्रत-उपवास आरंभ करना चाहिए। यह शास्त्रसम्मत भी है।

ALSO READ: हजार यज्ञों से भी अधिक फल देती है उत्पन्ना एकादशी, जानिए व्रत का महात्म्य

- आरके.

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

विजया एकादशी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का फल

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

सभी देखें

धर्म संसार

20 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

वर्ष 2025 के मध्य में क्या सचमुच देश और दुनिया में होने वाला है कुछ बड़ा?

20 फरवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्यों दी जाती है संतों को जल समाधि, जानिए क्या है जल समाधि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

छत्रपति शिवाजी महाराज कैसे बने श्री तुलजाभवानी के उपासक, क्या आज भी है इस शक्तिपीठ का महत्व?

अगला लेख
More