तिल संकटा चौथ : जानें माघी चतुर्थी पूजन की 11 काम की बातें...

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* तिल संकटा चौथ : जानिए कैसे करें श्रीगणेश का पूजन...
* संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कैसे करें... 
 

 
माघ महीने के कृष्ण पक्ष को आने वाली चतुर्थी बारह माह के अनुक्रम में सबसे बड़ी चतुर्थी मानी गई है। माघ मास की इस चतुर्थी को तिल संकटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघी चतुर्थी या तिल चौथ कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की आराधना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से श्रेष्ठ है। आइए जानें कैसे करें तिल संकटा चौथ पर पूजन... 
 
माघी चतुर्थी पर कैसे करें पूजन :-
 
* चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
 
* इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
 
* श्रीगणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
 
* तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।
 
* फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्रीगणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
 
 

 

* गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्रीगणेश की आराधना करें।
 
* श्री गणेश को तिल से बनी वस्तुओं, तिल-गुड़ के लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं। 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।'
 
* सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।
 
* तत्पश्चात गणेशजी की आरती करें।
 
* विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: की एक माला (यानी 108 बार गणेश मंत्र  का) जाप अवश्य करें।
 
* इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें। तिल-गुड़ के लड्डू, कंबल या कपडे़ आदि का दान करें।
 
हिंदू धर्म में जीवन के समस्त कष्टों का निवारण करने वाली इस संकष्टी गणेश चतुर्थी का बहुत महत्व है। 

 
 
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