Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

स्त्रियां तय कर लें तो कभी युद्ध ना हो : ओशो

ओशो के स्त्री संबंधी विचार

हमें फॉलो करें स्त्रियां तय कर लें तो कभी युद्ध ना हो : ओशो
स्त्री को अपनी मुक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व को खड़ा करने की दिशा में सोचना चाहिए। प्रयोग करने चाहिए। लेकिन ज्यादा से ज्यादा वह क्लब बना लेती है, जहां ताश खेल लेती है, कपड़ों की बात कर लेती है, फिल्मों की बात कर लेती है, चाय-कॉफी पी लेती है, पिकनिक कर लेती है और समझती है कि बहुत है, शिक्षित होना पूरा हो गया। ताश खेल लेती होगी। पुरुषों की नकल में दो पैसे जुए के दांव पर लगा लेती होगी बाकी इससे उसको कुछ व्यक्तित्व नहीं मिलने वाला है।

FILE


स्त्री को भी सृजन के मार्गों पर जाना पड़ेगा। उसे भी निर्माण की दिशाएं खोजनी पड़ेंगी। जीवन को ज्यादा सुंदर और सुखद बनाने के लिए उसे भी अनुदान करना पड़ेगा; तभी स्त्री का मान, स्त्री का सम्मान, उसकी प्रतिष्ठा है। वह समकक्ष आ सकती है।

स्त्री को एक और तरह की ‍'शिक्षा' चाहिए, जो उसे संगीतपूर्ण व्यक्तित्व दे, जो उसे नृत्यपूर्ण व्यक्तित्व दे, जो उसे प्रतीक्षा की अनंत क्षमता दे, जो उसे मौन की, चुप होने की, अनाक्रामक होने की, प्रेमी की और करुणा की गहरी शिक्षा दे। यह शिक्षा अनिवार्य रूपेण 'ध्यान' है।

स्त्री को पहले दफा यह सोचना है क्या स्त्री भी एक नई संस्कृति को जन्म देने के आधार रख सकती है? कोई संस्कृति जहां युद्ध और हिंसा नहीं। कोई संस्कृति जहां प्रेम, सहानुभूति और दया हो। कोई संस्कृति जो विजय के लिए आतुर न हो- जीने के लिए आतुर हो। जीने की आतुरता हो। जीवन को जीने की कला और जीवन को शान्ति से जीने की आस्था और निष्ठा पर खड़ी हो- यह संस्कृति- स्त्री जन्म दे सकती है- स्त्री जरूर जन्म दे सकती है।

आज तक चाहे युद्ध में कोई कितना ही मरा हो, स्त्री का मन निरंतर-प्राण उसके दुख से भरे रहे। उसका भाई मरता है, उसका बेटा मरता है, उसका बाप मरता है, पति मरता है, प्रेमी मरता है। स्त्री का कोई न कोई युद्ध में जा के मरता है।

अगर सारी दुनिया की स्त्रियां एक बार तय कर लें- युद्ध नहीं होगा; दुनिया पर कोई राजनैतिक युद्ध में कभी किसी को नही घसीट सकता। सिर्फ स्त्रियां तय कर लें; युद्ध अभी नहीं होगा- तो नहीं हो सकता। क्योंकि कौन जाएगा युद्ध पर? कोई बेटा जाता है, कोई पति जाता है, कोई बाप जाता है। स्त्रियां एक बार तय कर लें।

लेकिन स्त्रियां पागल हैं। युद्ध होता है तो टीका करती हैं कि जाओ युद्ध पर। पाकिस्तानी मां, पाकिस्तानी बेटे के माथे पर टीका करती है कि जाओ युद्ध पर। हिन्दुस्तानी मां, हिन्दुस्तानी बेटे के माथे पर टीका करती है कि जाओ बेटे; युद्ध पर जाओ।

पता चलता है कि स्त्री को कुछ पता नहीं कि यह क्या हो रहा है। वह पुरुष के पूरे जाल में सिर्फ एक खिलौना बन हर जगह एक खिलौना बन जाती है। चाहे पाकिस्तानी बेटा मरता हो, चाहे हिन्दुस्तानी; किसी मां का बेटा मरता है। यह स्त्री को समझना होगा। रूस का पति मरता हो चाहे अमेरिका का। स्त्री को समझना होगा, उसका पति मरता है। अगर सारी दुनिया की स्‍ित्रयों को एक ख्याल पैदा हो जाए कि आज हमें अपने पति को, बेटे को, अपने बाप को युद्ध पर नहीं भेजना है, तो फिर पुरुष की लाख कोशिश पर राजनैतिकों की हर कोशिशें व्यर्थ हो सकती हैं, युद्ध नहीं हो सकता है।

यह स्त्री की इतनी बड़ी शक्ति है, वह उसके ऊपर सोचती है कभी? उसने कभी कोई आवाज नहीं की। उसने कभी कोई फिक्र नहीं की। उस आदमी ने- पुरुष ने- जो रेखाएं खींची हैं राष्ट्रों की, उनको वह मान लेती है। प्रेम कोई रेखाएं नहीं मान सकता। हिंसा रेखाएं मानती है, क्योंकि जहां प्रेम है, वहां सीमा नहीं होती। सारी दुनिया की स्‍ित्रयों को एक तो बुनियादी यह खयाल जाग जाना चाहिए कि हम एक नई संस्कृति को, एक नए समाज को, एक नई सभ्यता को जन्म दे सकती हैं। जो पुरुष का आधार है उसके ठीक विपरीत आधार रखकर...

यह स्त्री कर सकती है। और स्त्री सजग हो, कॉन्शियस हो, जागे तो कोई भी कठिनाई नहीं। एक क्रांति- बड़ी से बड़ी क्रांति दुनिया में स्त्री को लानी है। वह यह 'एक प्रेम पर आधारित' देने वाली संस्कृति, जो मांगती नहीं, इकट्ठा नहीं करती, देती है, ऐसी एक संस्कृति, निर्मित करनी है। ऐसी संस्कृ‍‍ति के निर्माण के लिए जो भी किया जा सके वह सब। उस सबसे बड़ा धर्म स्त्री के सामने आज कोई और नहीं। यह पुरुष के संसार को बदल देना है आमूल।

शायद पुरानी पीढ़ी नहीं कर सकेगी। नई पीढ़ी की लड़कियां कुछ अगर हिम्मत जुटाएंगी और फिर पुरुष होने की नकल और बेवकूफी में नहीं पड़ेंगी तो यह क्रांति निश्चित हो सकती है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi