Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ऑस्‍कर अवार्ड्स का इतिहास

ऑस्‍कर की रोचक प्रक्रिया और अनछूए पहलू

हमें फॉलो करें ऑस्‍कर अवार्ड्स का इतिहास
- अरूंधति अमेड़कर

ND
ऑस्‍कर अवार्ड वि‍श्व में फि‍ल्‍म उद्योग जगत के सबसे अधि‍क लोकप्रि‍य, चर्चि‍त और प्रति‍ष्ठि‍त पुरस्‍कार है। इनकी शुरुआत 1929 में हुई। इन्‍हें ऑस्‍कर नाम बाद में दि‍या गया पहले ये एकेडमी अवार्ड्स के नाम से जाने जाते थे।

एकेडमी ऑफ मोशन पि‍क्‍चर आर्ट्स एंड साइंस की शुरूआत : ये अवार्ड्स एकेडमी ऑफ मोशन पि‍क्‍चर आर्ट्स एंड साइंस (एम्‍पास) नामक एक लाभ के लि‍ए काम न करने वाले संगठन द्वारा दि‍ए जाते है। जि‍सकी स्‍थापना 1927 में उस समय के मोशन पि‍क्‍चर उद्योग के 36 सबसे प्रतिष्ठि‍त लोगों ने मि‍लकर की थी। 1927 की शुरुआत में एम जी एम स्‍टूडि‍यो के प्रमुख लुइस बी मेयर, मेयर और उनके तीन मेहमानों अभि‍नेता कॉनरेड नागेल, नि‍र्देशक फ्रेड नि‍बलो और नि‍र्माता फीड बीटसोन ने एक ऐसा संगठन बनाने की योजना बनाई जि‍ससे पूरी फि‍ल्म उद्योग को फायदा हो। उन्‍होंने फि‍ल्म उद्योग की सभी क्रि‍एटि‍व वि‍धाओं के लोगों के सामने यह प्रस्‍ताव रखने की योजना बनाई।

11 जनवरी 1927 को लॉस एंजि‍ल्‍स के एंबेसेडर होटल में 36 लोग डि‍नर पर मि‍ले और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ मोशन पि‍क्‍चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज ('इंटरनेशनल' शब्‍द बाद में हटा दि‍या गया) की स्‍थापना के प्रस्‍ताव पर बात की गई। आमंत्रि‍तों में उस समय की कई नामी हस्ति‍याँ शामि‍ल थी जैसे मेयर, मेरी पि‍कफोर्ड, सि‍द ग्राउमेन, जेस्‍से लस्‍की, जॉर्ज कोहेन, सेसि‍ल बी डेमि‍ले, डॉग्‍लस फेयरबैंक्‍स, केडरि‍क गि‍ब्‍बंस और इरविंग थालबर्ग। सभी लोगों ने प्रस्‍ताव का समर्थन कि‍या और मार्च महीने क मध्‍य में संगठन के अधि‍कारी चुने गए जि‍नके अध्‍यक्ष डॉग्‍लस फेयरबैंक्‍स थे।

11 मई 1927 को राज्‍य द्वारा एकेडमी को लाभ के लि‍ए न चलाए जाने वाले संगठन के रूप में एक चार्टर की अनुमति‍ मि‍लने के बाद बि‍ल्‍टमोर होटल में संगठन की औपचारि‍क दावत हुई। 300 मेहमानों में से 230 ने 100 डालर देकर एकेडमी की औपचारि‍क सदस्‍यता ली। उसी रात थॉमस एडीसन को एकेडमी की पहली मानद् सदस्‍यता से सम्‍मानि‍त कि‍या गया।

प्रारंभ में संगठन में 5 शाखाएँ स्‍थापि‍त की गई : नि‍र्माता, अभि‍नेता, नि‍र्देशक, लेखक और तकनीशि‍यन।

webdunia
ND
एकेडमी अवार्ड्स : सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स समारोह हॉलीवुड रूजवेल्‍ट होटल में आयोजि‍त कि‍या गया था जि‍से सार्वजनि‍क नहीं कि‍या। 16 मई 1929 को होटल के ब्‍लॉसम रूम में रखे गए रात्रीभोज में 270 लोगों ने शिरकत की। मेहमानों के लि‍ए टि‍कट दर 5 डालर थी।

मजेदार बात यह थी कि‍ इस समारोह में दि‍ए गए अवार्ड्स तीन महीने पहले ही घोषि‍त कर दि‍ए गए थे। लेकि‍न फि‍र बाद में इस पद्धति‍ को बदला और परि‍णाम समारोह के समय ही घोषि‍त कि‍ए जाने लगे, केवल अखबारों के कार्यालयों में परि‍णामों की सूची समारोह वाले दि‍न रात को 11 बजे भेज दी जाती थी। लेकि‍न लॉस एंजि‍ल्‍स टाइम्‍स द्वारा अपने शाम के अखबार में समारोह से ठीक पहले परि‍णाम छापे जाने के कारण इसे भी बंद कर दि‍या गया।

1927 और 1928 में 15 लोगों को यह अवार्ड्स दि‍ए गए। केवल पहले एकेडमी अवार्ड्स के दौरान ही मीडि‍या की मौजूदगी नहीं थी लेकि‍न दूसरे एकेडमी अवार्ड्स से लेकर आज तक ये पुरस्‍कार मीडि‍या जगत के लि‍ए आकर्षण का केंद्र रहा है। 1953 में पहली बार एनबीसी टीवी ने ऑस्कर अवार्ड्स का सीधा प्रसारण टीवी पर कि‍या।

कैसे होती है वोटिंग : एकेडमी अवार्ड्स की बैलटिंग प्रक्रि‍या प्राइसवॉटरहाउस (जो अब प्राइसवॉटरहाउसकूपर है) देखता है। अवार्ड्स प्रदान करने के लि‍ए इस बैलटिंग प्रक्रि‍या का उपयोग सन् 1935 से कि‍या जा रहा है। एकेडमी के लगभग 6000 सदस्‍य बैलटिंग प्रक्रि‍या में वोट देने के लि‍ए प्राइस वॉटर हाउस कूपर की एक ऑडि‍टिंग फर्म द्वारा सारणीबद्ध गुप्‍त बैलट्स का उपयोग करते हैं।

इसमें सबसे बड़ा हि‍स्‍सा अभि‍नेताओं का होता है। पहले नोमि‍नेशन बैलेट्स एकेडमी के सक्रि‍य सदस्‍यों को भेजे जाते हैं। अभि‍नेता सदस्‍य अभि‍नेताओं को, फि‍ल्‍म एडि‍टर फि‍ल्‍म एडि‍टर को, नि‍र्देशक सदस्‍य नि‍र्देशकों को नामंकित करते है। एकेडमी के सभी सक्रि‍य सदस्‍यों को ऑस्‍कर वि‍जेताओं को चुनने का अधि‍कार होता है। बैलेटिंग प्रक्रि‍या पूरी हो जाने के बाद अंति‍म पड़ाव पर प्राइस वॉटर हाउस कूपर के केवल दो भागीदारों को ही अंति‍म परि‍णाम मालूम होते हैं जब तक वि‍जेताओं के नाम लि‍फाफे से बाहर नहीं आते। यह अवार्ड 25 श्रेणि‍यों में दि‍ए जाते हैं। परि‍णाम घोषि‍त होने तक ऑडि‍टर्स द्वारा पूरी सुरक्षा बरती जाती है।

ऑस्‍कर ट्रॉफी : एम जी एम आर्ट के डायरेक्‍टर केडरि‍क गि‍ब्‍बंस ने योद्धा की तलवार लि‍ए हुए फि‍ल्‍म रील पर खड़े एक शूरवीर की प्रति‍मा डि‍जाइन की। इस डि‍जाइन को मूर्त रूप दि‍या लॉस एंजि‍ल्‍स के एक मूर्ति‍कार जॉर्ज स्‍टेनले ने, उन्‍होने इसे त्रि‍आयामी रूप में ढाला। यह मूर्ति‍ 13.5 इंच लंबी है और इसका वजन साढ़े आठ पाउंड या 3.85 कि‍ग्रा है। 1929 में पहले ऑस्‍कर अवार्ड के दौरान 2701 ट्रॉफि‍याँ दी गईं थी।

एकेडमी आवार्ड्स का नाम ऑस्‍कर होने के पीछे कई सारे तथ्‍य माने जाते हैं। सन् 1934 में ऑस्‍कर वि‍जेता बनी बेटे डेवि‍स का कहना था कि‍ ये नाम उनके पति‍ बेंड लीडर हार्मर ऑस्‍कर नेल्‍सन के नाम पर पड़ा है। दूसरी कि‍वदंती है कि‍ एकेडमी के कार्यकारी सचि‍व मार्गरेट हैरि‍क्‍स ने जब पहली बार ऑस्‍कर ट्रॉफी को 1931 में देखा तो उसे अपने अंकल ऑस्‍कर जैसा बताया और तभी से इस अवार्ड का नाम ऑस्‍कर हो गया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi