Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सांता क्लॉज का इंतजार

हमें फॉलो करें सांता क्लॉज का इंतजार
webdunia

डॉ. मुनीश रायजादा

तो आखिरकार सांता क्लॉज के आगमन का दिन नजदीक आ ही गया है। सांता ने अपने सारे उपहार अपने साथ रख लिए हैं और वह अपनी स्लेज गाड़ी (बर्फ में चलने वाली गाड़ी जिसे रेनडियर्स खींचता है) में बैठकर विश्व भर में खुशी व उल्लास बांटने निकल पड़े है। यह दिन है 25 दिसंबर का दिन, जिसे आधे से अधिक विश्व जीसस क्राइस्ट के जन्म दिवस के रूप में पूरे हर्षोउल्लास से मनाएगा।


 
अमेरिका में क्रिसमस पर्व के उत्साह व उल्लास की तुलना भारत के दीपावली त्योहार से की जा सकती है। दीपावली के पर्व की शुरुआत एक तरह से नवरात्रि स्थापना के साथ ही हो जाती है व दशहरे के बाद यह उल्लास अपने चरम पर पहुंच जाता है। दीपावली पर लोगों का भारी मात्रा में खरीदारी करना एवं सभी मुख्य ब्रांडों द्वारा अपने ग्राहकों को डिस्काउंट (छूट) देना, एक प्रकार की परंपरा बन गई है। बड़ी मात्रा में बिक्री व भारी डिस्काउंट के कारण दीपावली की खरीदारी उपभोक्ताओं व बाजार, दोनों के लिए ही फायदे का सौदा है। 
 
अमेरिका में क्रिसमस के पर्व के दौरान आपको कुछ-कुछ इसी प्रकार का माहौल देखने को मिलेगा। छुट्टी के इस मौसम की उल्टी गिनती होलोवीन के समय से शुरू हो जाती है व थैंक्स गिविंग डे आते-आते अपने चरम पर पहुंच जाती है। लोग अपनी खरीदारी की लिस्ट तैयार रखते हैं व क्रिसमस आने का इंतजार करतें हैं। 
 
दिसंबर का महीना अमेरिका में बसे यहूदी समुदाय के लिए भी उत्सव का महीना रहता है। अमेरिका की कुल जनसंख्या का 2.6% हिस्सा बनाने वाला यहूदी समुदाय इस समय अपना-अपना 8 दिवसीय पारंपरिक ‘हनुका’ उत्सव मनाता हैं। रोशनी के पर्व के रूप में जाने जानेवाले इस त्योहार पर यह लोग लाटका से बना स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं व चार-कोणीय ड्रिडेल वाले खेल का आनंद लेते हैं।
 
ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 

webdunia


 


सांता क्लाज की कहानियां शायद दुनिया की सबसे अधिक कही-सुनी जानेवाली लोककथाओं में शुमार हैं। एक लम्बी सफेद दाढी़ वाला हंसमुख व बूढा़ आदमी, जो लाल कोट व पैंट पहने आता है और ‘हो हो’ की आवाज निकालता है, सांता क्लाज की यही पहचान है। 
 
लोककथाओं के अनुसार उत्तरी ध्रुव का निवासी सांता क्रिसमस की पूर्व संध्या पर दुनिया भर के अच्छे बच्चों के लिए उपहार लाता है। कुछ पाश्चात्य लेखकों ने इससे भी आगे बढ़ते हुए सांता की पत्नी मिसेज क्लाज का किरदार भी गढ़ दिया है। सांता पर लिखी गई कई कविताओं के अनुसार यह घर की चिमनी के माध्यम से घरों में प्रवेश करता है व क्रिसमस ट्री के नीचे उपहार छोड़ जाता है। अत: क्रिसमस के अवसर पर अभिभावक अपने बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने के लिए देवदार के पेड़ को लाइटों व कैंडी केन से क्रिसमस ट्री के रूप में सजाते हैं व घर के अंदर रख देते हैं।
 
दीपावली के विपरीत, अमेरिका में क्रिसमस के ठीक पहले का दिन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। अमेरिका में नौकरीपेशा लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अवकाश का शिद्धत से इंतजार करते हैं। क्रिसमस एक दिन का पर्व नहीं है, इसे 25 दिसंबर से लेकर 5-6 जनवरी तक पूरे 12 दिनों तक मनाया जाता है। 
 
इस पूरे समय को ‘क्रिसमस-टाइड’ (क्रिसमस का मौसम) के नाम से जाना जाता है। इस अवधि में परिवार के सभी लोग एक जगह एकत्रित होते हैं वौर हंसी-ठिठोली करते हैं। पारंपरिक क्रिसमस का उत्सव आसमान से हो रही बर्फबारी व घरों के बाहर इस बर्फ से बने हिममानव (स्नोमैन) के बिना अधूरा है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह हिमपात क्रिसमस के उत्सव में चार चांद लगा देता है।
 
भारत की बात करें तो यहां एक आम धारणा है कि ‘दीपावली का पर्व मात्र उपभोक्ताओं के लिए होता है, दुकानदारों को तो इस दिन अपनी दुकानें खोलनी होती हैं व ग्राहकों की सेवा करनी होती हैं।' क्रिसमस के मामले में ऐसा नहीं है। लोग खरीदी का काम क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ही निपटा लेते हैं व क्रिसमस के दिन सभी दुकाने बंद रहती हैं। 
 
क्रिसमस पूरे विश्व में मनाया जाने वाला उत्सव है। भारत के बाहर विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय की वृद्धि से दीपावली भी एक वैश्विक पहचान बनाती जा रही है। अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के प्रभाव व सम्मान में उस वक्त अचानक बढो़तरी हुई थी, जब सन 2003 में पहली बार तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज बुश नें व्हाइट हाउस में दीपावली मनाने का निर्णय लिया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है एवं और अधिक मजबूत हुई है, पिछले कुछ वर्षों से ओबामा इसे निभा रहे हैं।
 
क्रिसमस से एक लम्बी छुट्टियों का दौर शुरू होता है, साथ ही इसमें आने वाले नववर्ष समारोह का खुशनुमा एहसास भी छुपा होता है। जो लोग ईसाईयत के अलावा अन्य धर्मों अथवा आस्थाओं को मानते है, उनके लिए भी छुट्टियों के मौसम की शुरुआत इस उत्सव में शामिल होने का कारण बन जाता है। अमेरिका में लोग इसी कारण से ‘मैरी क्रिसमस’ की जगह अभिवादन के लिए ‘हैप्पी होली डे’ का प्रयोग कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि इस महान सभ्यता वाले देश ने किस प्रकार विभिन्न धर्म व संस्कृतियों के लोगों को उदारतापूर्वक अपने में समाहित कर लिया है।
 
तो अब जब यह सफेद दाढी़ वाला बूढा़ आदमी अपनी स्लेज गाड़ी पर सवार होकर विश्व भ्रमण के लिए निकलने की तैयारी में है, तो आप भी तैयार हो जाइए। अपना क्रिसमस कैरोल पुन: दोहरा लीजिए, घरों की चिमनियां साफ कर लीजिए और दिल थाम कर ‘हो हो’ की आवाज का इंतजार कीजिए।
 
(लेखक शिकागो स्थित शिशुरोग विशेषज्ञ हैं और एक सामाजिक-राजनीति विश्लेषक हैं।)  
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi