वाराणसी। जब बनारस में नरेंद्र मोदी नामांकन भर रहे थे तो सभी ने जिलाधिकारी प्रांजल यादव को भी देखा। प्रांजल यादव वाराणसी की डीएम हैं। यहाँ से कौन जीतेगा ये तो ख़ैर 16 मई को ही पता चलेगा लेकिन देखा जाए तो यहाँ बनारस के असली हीरो तो प्रांजल यादव ही हैं।
प्रांजल यादव हीरो इसलिए हैं कि बनारस को व्यवस्थित और सुंदर बनाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। वो बनारस जो अतिक्रमण, तंग सड़कों और ट्रैफिक जाम के लिए दुनियाभर में बदनाम हो चुका है वहाँ सड़कों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें चौड़ा करवाने में प्रांजल यादव की सख़्ती काम आई है। बनारस शहर पुराना है, पर लोग भी पुराने तौर-तरीके से ही जिएँ ये कैसे चलेगा। सड़क पर ही दुकान हो, साइकिल रिक्शे भी वहीं खड़े रहें, बिजली के खंभे हैं कि बरसों हटते ही नहीं। ये सब प्रांजल यादव से सहन नहीं हुआ और उन्होंने ठान लिया कि इसे बदलना है। और असर दिख रहा है। हालाँकि बहुत काम होना बाकी है। फिर भी मुख्य बाजार, लहुराबीर, घाट तरफ की सड़कें बताती हैं कि काम तो हुआ है। जैसा कि बनारस के ही धर्मेंद्रसिंह बताते हैं- उन्होंने अल्टीमेटम देकर बिजली के खंभे हटवाए, रिस्क ली। जेएनएनयूआरएम के रेंग रहे कामों को आगे बढ़ाया। .... तो फिर तो असली हीरो तो प्रांजल यादव हुए!!