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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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कश्मीर में वोट डालने वाले असुरक्षित

-सुरेश एस डुग्गर

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कश्मीर में बहिष्कार के बावजूद मतदान करने वाले कश्मीरियों पर हो रहे हमलों को रोकने की खातिर अब वही अलगाववादी कट्टरपंथी नेता सईद अली शाह गिलानी आगे आए हैं, जिनके आह्वान पर कश्मीरियों ने चुनाव का बायकाट किया था। हालांकि उनकी अपील के बावजूद वोट डालने वाले कश्मीरी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पुलिस ऐसे मामलों में अपनी कार्रवाई करेगी।

कट्टरपंथी अलगावादी नेता सईद अली गिलानी ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। कश्मीर में युवकों ने बुधवार के लोकसभा चुनाव में मतदान करने वालों पर हमले किए थे। गिलानी ने वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट यूट्यूब पर एक बयान में कहा कि चुनाव के दौरान मतदान करने वाले और मतदान न करने वाले, सभी लोग भाई-भाई हैं।

गिलानी ने कहा कि वह चरण खत्म हो गया है। मैंने सोपोर के दुकानदारों के बारे में दुखद खबरें सुनी हैं कि उन्हें हंदवाड़ा (कुपवाड़ा) कस्बे से अपना व्यवसाय बंद करने को कहा गया है और ऐसी ही धमकियां कुपवाड़ा के नागरिकों को दी गई हैं, जिनका व्यवसाय बारामुल्ला में है।

गिलानी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। युवकों ने (गुरुवार) बारामुल्ला और सोपोर में जिस तरह का व्यवहार किया, वह नहीं करना चाहिए था। किसने मतदान किया और किसने नहीं किया, इस मुद्दे पर हमारे बीच का झगड़ा केवल उनकी मदद करेगा जो स्वतंत्रता के हमारे संघर्ष के खिलाफ हैं। युवक कुपवाड़ा से कश्मीर घाटी के सोपोर और बारामुला आने वाले यात्रियों पर वापस जाने का दबाव डाल रहे हैं। मतदान करने वाले लोगों की पहचान के लिए वे अंगुलियों पर मतदान की स्याही देख रहे हैं।

युवकों ने मतदान की स्याही के निशान वाले लोगों की पिटाई की और उनके कपड़े फाड़े। यहां तक कि उन लोगों को सोपोर और बारामुला ले जाने वाले वाहनों में भी तोड़-फोड़ की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवकों पर हिंसा और अश्लीलता के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्‍वीट करके कहा है कि वोट डालने वालों पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लिया गया है और पुलिस अधिकारियों को इन मामलों में सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है।

याद रहे इससे पहले कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकियों ने वोट डालने की ‘सजा’ देते हुए एक गांव के सरपंच को गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, बुरी तरह घायल वानपोह गांव के सरपंच गुलाम अहमद भट्ट ने अस्पताल ले जाए जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरपंच गांव में एक दुकान पर बैठे हुए थे कि कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। उन्हें इलाज के लिए श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन जख्म अधिक होने के कारण रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि हत्यारों की तलाश के लिए एक अभियान शुरू कर दिया गया है। आतंकियों ने अपनी चुनाव विरोधी मुहिम के तहत पिछले महीने भी तीन लोगों की हत्या कर दी थी, जिसमें दो व्यक्ति गांव के निर्वाचित प्रतिनिधि थे।

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