संघ के सर्वे में भाजपा को बहुमत नहीं...
नई दिल्ली , बुधवार, 14 मई 2014 (10:52 IST)
नई दिल्ली। टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों से बेहद खुश नजर आ रही भाजपा को आरएसएस के एक्जिट पोल से करारा झटका लगा है। सर्वे के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को इस चुनाव में बहुमत नहीं मिल रहा है।
रिडिफ डॉट कॉम पर छपे इस सर्वे में राजग बहुमत से 13 सीट दूर रह जाएगा। इस चुनाव में भाजपा को 226 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है जबकि सहयोगी 33 सीटों पर चुनाव जीत सकते हैं। भले ही टीवी चैनलों के सर्वे चुनाव में भाजपा की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हो, पर संघ द्वारा किए गए इस सर्वे को वास्तविकता के करीब बताया जा रहा है और इसके बाद भाजपा तथा संघ नेताओं की हलचल बढ़ गई है। गांधीनगर से दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। भाजपा नेता भी लगातार कह रहे हैं कि हम राजनीतिक छूआछुत में विश्वास नहीं रखते हैं। चुनाव नतीजों के बाद भी जो भी पार्टी चाहे, हमारे साथ आ सकती है।
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भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान यूपी-बिहार के लिए खास रणनीति तैयार की थी। इसी के तहत वाराणसी से खुद मोदी ने चुनाव लड़ा। सर्वे के अनुसार भाजपा को उत्तरप्रदेश में 45 और बिहार में 18 सीटें मिलने जा रही है।
सर्वे में मध्यप्रदेश में भाजपा को 22, जबकि गुजरात और राजस्थान में 21 सीटें मिलती दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में पार्टी को क्रमश: 18 और 15 सीटें मिल सकती हैं। दिल्ली में भाजपा को 7 में से 5 सीटे मिलने की संभावना दिखाई जाएगी।
सर्वे के अनुसार टीडीपी को 8, शिवसेना को 10 से 12 और अकाली दल को 5 सीटें मिलने की संभावना है।
अगले पन्ने पर... कौन हो सकते हैं भाजपा के नए सहयोगी...
पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बयानों से ऐसा लगता है कि पार्टी ने नए दोस्तों की तलाश तेज कर दी है। ममता बनर्जी, नीतीश कुमार समेत कई नेताओं पर डोरे डाले जा रहे हैं।
इस बीच रालोद नेता अमर सिंह ने भाजपा के प्रति नरमी दिखाते हुए कहा कि मोदी में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन का अक्स दिखता है। जो भी नतीजे आएंगे, हमें कबूल होंगे।
राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा कि एक्जिट पोल हो या ओपीनियन पोल, सामान्य धारणा है कि भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभर रही है। इस समय देश को जिम्मेदार सरकार की जरूरत है। राकांपा हमेशा एक जिम्मेदार पार्टी रही है।
नवीन पटनायक का बीजद भी भाजपा को सशर्त समर्थन दे सकता है। अन्नाद्रमुक की जयललिता से भी बातचीत का रास्ता खोला जा रहा है।