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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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मत दो लालकृष्ण आडवाणी को वोट..!

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अहमदाबाद। अगर आप सोचते हैं कि संघ परिवार से जुड़े तत्व टि्‍वटर पर मोदी की प्यारी सी घुड़की से प्रभावित होकर पार्टी हित में काम करने लगे होंगे तो ‍एक बार फिर सोच लीजिए कि ऐसा नहीं है। यह मोदी के गृह राज्य में एलके आडवाणी के गांधीनगर में हो रहा है। यहां पर मोदी समर्थक ही लोगों से कह रहे हैं कि वे आडवाणी को वोट न दें।

आडवाणी के खिलाफ एक उम्मीदवार हैं संजय कुमार ब्रह्मभट्‍ट जोकि अल्पज्ञात हिंदू शिवसेना के हैं। इसका संबंध बाल ठाकरे की शिवसेना से भी नहीं है, लेकिन लोगों को भड़काने के मामले में वे किसी तरह कम नहीं हैं। गांधीनगर के मेमनगर क्षेत्र में ब्रह्मभट्‍ट ने पर्चे बंटवाए हैं, जिसमें संजय ने बताया है कि उन्होंने अपना चुनाव चिन्ह 'मांस काटने का छुरा' क्यों चुना है। उनका कहना है कि जब गांधीजी के भारत को स्वतंत्रता दिलाने के अहिंसा का मार्ग अपनाया था, लेकिन वे भी अपने साथ लाठी रखते थे।

ब्रह्मभट्‍ट का कहना है कि आडवाणी तो गांधीनगर से चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते थे वरन वे मध्यप्रदेश में भोपाल से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन अंतिम क्षणों में उन्हें यह फैसला मानना पड़ा और वे वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं जहां से वे पिछले वार सांसद बने थे। पर्चे में यह भी लिखा है कि आडवाणी ने पिछले पांच सालों में अपने क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया है। अब उनके विदा होने का समय आ गया है। ऐसा नहीं है कि आडवाणी जीतेंगे तो ही मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे, मैं जीतूंगा तो भी मोदी प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इस पर्चे में यह भी बताया गया है कि आडवाणी का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। पर इस पर्चे में और भी उत्तेजक बातें हैं जो कि इस प्रकार हैं।

मुस्लिमों और ईसाइयों से क्या बोल रहे हैं ब्रह्मभट्‍ट... पढ़ें अगले पेज पर...



ब्रह्मभट्‍ट के पर्चे में कहा गया है कि 'मुस्लिम मतदाताओ, मुझे वोट मत दो। अगर तुम ऐसा करना चाहते हो तो अपने साथ अपने में छिपे हुए आतंकवादियों को बाहर निकाल दो। ईसाई मतदाताओ, मुझे वोट ना दो।

अगर आप फिर भी वोट देना चाहते हैं तो धर्मांतरण के काम को तुरंत रोक दो। वे सभी से यह कहते हैं कि उन्हें दिया जाने वाला प्रत्येक वोट मोदी के लिए है जो क‍ि प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। उनका कहना है कि वे मोदी के नेतृत्व में राजग को अपना समर्थन देंगे।

वे आगे कहते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि आडवाणी को दिया गया एक वोट प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक वोट हो। जब ब्रह्मभट्‍ट से बातचीत करने के लिए समय मांगा तो वे अपने प्रचार के लिए बाहर गए थे। इस तरह मोदी के समर्थक ही आडवाणी को वोट न देने की अपील कर रहे हैं।

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