इस लेख में उन्होंने वॉल स्ट्रीट जरनल के लेख को आधारहीन करार देते हुए कहा है कि लोग प्रियंका की बातों को गौर से सुन रहे हैं और इस पर ध्यान दे रहे हैं इसलिए भाजपा और संघ परिवार चिढ़ गए हैं और वे झूठा दोषारोपण कर रहे हैं।
उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में अडाणी की मोदी से नजदीकी को तो बताया लेकिन क्या वे इतना साहस कर सकते हैं कि डीएलएफ के साथ वाड्रा के कारोबारी रिश्तों पर कोई टिप्पणी करें? अगर वॉल स्ट्रीट जरनल ने उनके खिलाफ झूठा लेख लिखा है तो क्या वे कोर्ट में जाएंगे? शायद नहीं क्योंकि इससे और भी गड़े मुर्दे उखड़ने का खतरा है।
कांग्रस के कई नेता भी मानते हैं कि वाड्रा पार्टी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी बन गए हैं। वे कांग्रेस के लिए एक बड़ा सिरदर्द हैं, लेकिन कोई भी ऐसा कहने का साहस नहीं कर सकता है क्योंकि वे पार्टी प्रमुख के दामाद जो ठहरे। वे कांग्रेस के किसी अन्य नेता के पति की तरह नहीं हैं।
इसलिए मुश्किल में पड़ जाते हैं कांग्रेसी... पढ़ें अगले पेज पर....