अभी तक उत्तर प्रदेश ही क्या पूरे देश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की छवि एक कट्टरपंथी हिंदूवादी नेता की रही है। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान में इतनी कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी कि उन्हें हिटलर से भी खतरनाक बताया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने मुस्लिमों के हित में भी ऐसे कदम उठाए हैं जिससे मुस्लिमों और खासतौर से मुस्लिम महिलाओं के बीच में योगी की छवि एक पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति के रूप में बनी है जो कि 'सबका साथ-सबका विकास' में रुचि रखता है।
लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनके लखनऊ और गोरखपुर में जनता दरबारों में सबसे ज्यादा तादाद मुस्लिम फरियादियों की होती है। इतना ही नहीं, मुस्लिमों के लिए योगी ने कई योजनाओं का भी ऐलान किया है। अब उत्तर प्रदेश में सबको साथ लेकर चलने की इसी कोशिश में योगी आदित्यनाथ का नाम जुड़ गया है और वह कभी जनता दरबार में मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं का समाधान करते हैं, तो कभी गुरुद्वारे में सिखों से मुलाकात करते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यममंत्री आवास 5, कालीदास मार्ग पर जनता दरबार में योगी से मिलने आने वाले फरियादियों में बड़ी तादाद मुस्लिम महिलाओं की ही होती है। योगी सरकार ने भी अल्पसंख्यकों की शादी और शिक्षा के लिए योजनाओं का पिटारा खोला है। योगी सरकार गरीब मुस्लिम लड़के-लड़कियों की सामूहिक शादी कराने के लिए घोषणा की है। राज्य सरकार ने हर साल ऐसी 100 शादियों का लक्ष्य तय किया है। शादी में लड़के की तरफ से सरकार लड़की के परिवार को मेहर की रकम चुकाएगी। मेहर की रकम के अलावा दूल्हा-दुल्हन के लिए दूसरे जरूरी सामान भी सरकार देगी। इन सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए सद्भावना मंडप तैयार होगा।
योगी ने अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा को भी खास महत्व देने की घोषणा की है कि वे राज्य में मदरसों के आधुनिकीकरण का कार्यक्रम चलाना चाहते हैं। राज्य में 19 हजार 213 मदरसों के पाठ्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान के विषय भी शामिल होंगे और राज्य सरकार सीधे आधार से जोड़कर छात्रों के बैंक खातों में छात्रवृति भी देगी।
योगी की नकारात्मक छवि की धूल हटना शुरू हो गई है। उनके राजनीतिक विरोधी शुरू से बीजेपी और खासकर योगी आदित्यनाथ को अल्पसंख्यक विरोधी व्यक्ति के तौर पर पेश करते आए हैं, लेकिन यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजों ने काफी हद तक इस तथाकथित नकारात्मक छवि से जमा धूल हटा दी है। समान नागरिक संहिता और ट्रिपल तलाक पर मुल्ले मौलवी भले ही योगी को कोसें लेकिन यह बात तय है कि इससे योगी की मुस्लिमों में भी लोकप्रियता बढ़ रही है।