Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

LOC पर तापमान में गिरावट के साथ ही घुसपैठ का बढ़ने लगा ग्राफ

हमें फॉलो करें LOC पर तापमान में गिरावट के साथ ही घुसपैठ का बढ़ने लगा ग्राफ

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 3 नवंबर 2022 (18:56 IST)
जम्मू। सेनाधिकारियों ने इसे माना है कि तापमान में गिरावट के साथ ही सीमा पार से होने वाली आतंकवादियों की घुसपैठ का ग्राफ बढ़ने लगा है। एलओसी पर आतंकियों को रोकने की कवायद और कोशिशों में कामयाबी के लिए सेना को जीतोड़ मेहनत करनी पड़ रही है।

तापमान में गिरावट के साथ ही घुसपैठ के ग्राफ के बढ़ने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सेनाधिकारी कहते हैं कि पाकिस्तान की कोशिश बर्फ के गिरने से पहले अधिक से अधिक आतंकियों को इस ओर धकेलने की है। सेनाधिकारी का कहना है कि ऐसे में एलओसी पर माहौल गर्म हो जाता है, लेकिन इस बार सुखद बात यह है कि पाकिस्तानी सेना के साथ चल रहे सीजफायर के कारण भारतीय सैनिकों को मात्र एक ही मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है।

सेनाधिकारी इस साल के आंकड़े देते हुए कहते हैं कि 25 आतंकवादियों को 15 के करीब घुसपैठ की कोशिशों के दौरान मार गिराया गया। इतना जरूर था कि सेनाधिकारी उन्हीं आंकड़ों को देने में सक्षम हैं, जिनमें उन्होंने आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की थी, जबकि घुसपैठ में कामयाब होने वालों की बात पर वे चुप्पी तो साध ही लेते थे कोई आंकड़ा बताने में भी आनाकानी करते थे। हालांकि दबे स्वर में इसे अक्सर स्वीकार किया जाता था कि जितने आतंकी घुसपैठ के दौरान मारे जाते है, उनसे कई गुणा अधिक घुसने में कामयाब रहते हैं।

इसका स्पष्ट कारण यही था कि घुसपैठ की कोशिश करने वाले आतंकियों द्वारा अब ध्यान बंटाने वाली रणनीति अपनाई जा रही है। एक दल अगर थोड़ी सी गोलीबारी कर छुप जाता है तो दूसरा मुकाबले की कोशिश में जुट जाता है और तीसरा दल घुसने का प्रयास करने लगता है। यही पहले भी हुआ करता था। तब पाक सेना कवरिंग फायर का सहारा लेते हुए आतंकियों को धकेलती थी।

नतीजतन स्थिति यह है कि एलओसी पर आतंकियों को रोकने की खातिर लगाए गए तमाम तामझाम के बावजूद सेना परेशान इसलिए है क्योंकि आतंकियों द्वारा अक्सर तारबंदी की धज्जियां उड़ाकर घुसपैठ करने में कथित तौर पर कामयाबी हासिल की जा रही है और सेना के तारबंदी के प्रति किए जाने वाले दावे धूल चाट रहे हैं।

ऐसे में तापमान में आती गिरावट सेना की मुश्किलों का ग्राफ इसलिए बढ़ा रही है क्योंकि गुरेज और पुंछ के इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के बावजूद आतंकी हैं कि घुसे ही चले आते हैं। उन पर रोक कैसे लगाई जाए के सवाल से जूझ रही सेना को एक ही रास्ता नजर आता है और वह यह है कि एक बार फिर सीमा पार आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों पर इसराइल की तरह हमला बोल दिया जाए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुजरात चुनाव : इन 25 प्रमुख सीटों पर रहेंगी सबकी नजरें