ओडिशा सरकार ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के बाद चक्रवाती तूफान दाना में तब्दील हो जाने के बाद तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार चक्रवात 'दाना' अब विकराल रूप ले चुका है और तेज रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। ओडिशा के 14 जिलों के संवेदनशील इलाकों में 288 बचाव दल तैनात किए हैं।
'दाना' नाम क़तर ने चुना है। यह नाम चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के अनुसार रखा गया है, जो राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और लिंग-आधारित तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
दाना का क्या है मतलब : डाना नाम का मतलब अरबी में उदारता होता है, और इसे क़तर द्वारा चुना गया है। यह नाम चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के अनुसार रखा गया है।
कौन रखता है चक्रवातों के नाम : साल 2000 में WMO/ESCAP (विश्व मौसम विज्ञान संगठन/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत) के तहत नामकरण की शुरुआत की गयी थी। इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे, जिसका बाद में विस्तार करते हुए 2018 में इसमें पांच और देशों ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को जोड़ा गया।
कितने नामों की है लिस्ट : समूह के इन देशों ने अपने सुझाव भेजे और WMO/ESCAP के पैनल ने इन नामों की सूची को अंतिम रूप दिया। बता दें कि अप्रैल 2020 में IMD द्वारा जारी की गई 169 चक्रवातों की नामों की सूची इन्हीं 13 देशों के सुझावों से बनी है। प्रत्येक देश ने 13 नामों के सुझाव दिए थे।
क्या है चक्रवातों के नाम रखने की सीमाएं : जब देश चक्रवातों के नामों के सुझाव भेजते हैं, तो उन्हें कुछ बुनियादी दिशानिर्देशों का पालन करना होता है। इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि नाम राजनीति और राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ा न हो, न ही धार्मिक मान्यताओं से कोई संबंध न रखता हो, जैसी कई सीमाएं है।
Edited by Navin Rangiyal