Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों (retired judges) ने देश की मध्यस्थता प्रणाली को जकड़ रखा है और अन्य योग्य लोगों को मौका नहीं मिलता है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अब हमें आत्मनिरीक्षण करने और आवश्यकता पड़ने पर कानून बनाने समेत आवश्यक बदलाव लाकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
धनखड़ ने कहा कि ग्रह पर कहीं भी, किसी अन्य देश में, किसी अन्य प्रणाली में, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने मध्यस्थता प्रणाली को इतना नहीं जकड़ रखा है। हमारे देश में यह बड़े पैमाने पर है। उन्होंने देश में मध्यस्थता प्रणाली पर प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की साहसिक टिप्पणियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति देश में न्यायपालिका के परिदृश्य को बदल रहा है।
धनखड़ ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने मध्यस्थों की नियुक्ति में विविधता की कमी पर विचार किया है। उन्होंने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के हवाले से कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश मध्यस्थता क्षेत्र पर हावी हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपनी बात कही और मैं इसके लिए उन्हें सलाम करता हूं। उन्होंने कहा है कि योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जो मध्यस्थता क्षेत्र में रूढ़िवादी मानसिकता को दर्शाता है।
धनखड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का साहसिक बयान भारत में मध्यस्थता प्रक्रिया की रीढ़ को मजबूत बनाने में काफी मदद करेगा। भारत अपने समृद्ध मानव संसाधनों के लिए जाना जाता है लेकिन उन्हें मध्यस्थ प्रक्रिया में निर्णय लेने के लिए नहीं चुना जाता। उन्होंने कहा कि हमें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है, आवश्यक बदलाव लाकर आगे बढ़ने की जरूरत है जिसमें जरूरत पड़ने पर कानून बनाना भी शामिल है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta