क्या चोल राजा हिन्दू नहीं थे? आखिर क्या कहा कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने

Webdunia
शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2022 (22:58 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह शुक्रवार को चोल सम्राट राजा राज की धार्मिक पहचान को लेकर विवाद में यह कहते हुए शामिल हो गए कि यह कहना कि राजा एक शैव थे और हिंदू नहीं, वैसे ही है जैसे कि यह कहना कि कोई कैथोलिक है, लेकिन ईसाई नहीं।
 
राजा राज को अन्य निर्माणों के अलावा तमिलनाडु के तंजावुर में बृहदीश्वर मंदिर के निर्माण के लिए जाना जाता है। वर्ष में लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। महान चोल सम्राट राजा राज की धार्मिक पहचान अचानक ही सवालों के घेरे में आ गई है।
 
हाल ही में, तमिल फिल्मकार वेत्रिमारन ने परोक्ष तौर पर दक्षिणपंथी ताकतों को निशाना बनाते हुए एक विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने दावा किया कि राजा राज चोलन को हिंदू राजा के तौर पर चित्रित किया गया और तमिल विद्वान तिरुवल्लुवर की पहचान छीनने के भी प्रयास हुए हैं।
 
कमल हासन ने किया समर्थन : उन्हें अभिनेता एवं मक्कल निधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन और कांग्रेस सांसद एस जोतिमणि का समर्थन मिला। कई तमिल समर्थक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि चोल राजा आस्था से शैव थे और तमिल राजा की यह पहचान छीन ली गई।
 
उनकी टिप्पणी मणिरत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की रिलीज के कुछ दिनों बाद आई है। यह फिल्म लेखक कल्कि कृष्णमूर्ति के ऐतिहासिक उपन्यास पर आधारित है।
 
लेखक कल्कि कृष्णमूर्ति की ऐतिहासिक कथा पर आधारित मणिरत्नम की मल्टी-स्टारर फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की रिलीज़ के कुछ दिनों बाद टिप्पणी आई, जो अरुलमोझीवर्मन की कहानी को दर्शाती है, जिसे बाद में राजा चोलन के नाम से जाना जाने लगा। विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि वह बयान पढ़कर चकित रह गए कि महान सम्राट हिंदू राजा नहीं थे।
 
हास्यास्पद बयान : उन्होंने एक बयान में कहा कि यह बिल्कुल हास्यास्पद है। शिव एक हिंदू देवता हैं, जो श्रीनगर से लेकर रामेश्वरम तक लाखों वर्षों से गहन भक्ति का केंद्र हैं। राजा ने सबसे महान शिव मंदिरों का निर्माण किया, जो वास्तुकला का अद्भुत चमत्कार है, विशेष रूप से तंजावुर में महान बृहदीश्वर मंदिर, जहां मैंने कई बार पूजा की है।
 
सिंह ने कहा कि यह कहना कि वह एक शैव थे, हिंदू नहीं, वैसे ही है जैसे यह कहना कि कोई कैथोलिक है लेकिन ईसाई नहीं। ऐसे बयान एक तरह से हमारे महान धर्म को बदनाम और भ्रमित करते हैं और स्वीकार्य नहीं हैं।
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि हिंदू शब्द बाद में आया हो, लेकिन शिव और विष्णु, हनुमान और गणेश, महालक्ष्मी और महाकाली सभी सदियों से सनातन धर्म का हिस्सा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमें वैष्णव संप्रदाय, शैव संप्रदाय, शाक्त सम्प्रदाय के बीच एक विभाजन खड़ा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो कि महान हिंदू धर्म की तीन मुख्य धाराएं हैं, जिनके दुनिया भर में एक अरब अनुयायी हैं।
 

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